इंफाल (मणिपुर) – मणिपुर में पिछले ५४ दिनों से हिंसा चालू ही है । २४ जून के दिन १ सहस्र २०० से अधिक स्थानीय महिलाओं ने सुरक्षाबलों द्वारा पकडे गए ‘कांगलेई यावोल कन्ना लूप’ (के.वाई.के.एल.) इस संगठन के १२ लोगों को छुडा लिया । उसी प्रकार उनके दबाव के कारण सुरक्षाबलों द्वारा चालू की गई खोज मुहिम भी रोकनी पडी । इस समय महिलाओं को क्षति न हो, इसके लिए सुरक्षाबलों ने उन पर कोई भी कार्यवाही नहीं की । के.वाई.के.एल. इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है ।
Manipur Unrest : महिलाओं की नेतृत्व वाली भीड़ ने सेना को रोका, केवाईकेएल के 12 उग्रवादियों को करना पड़ा रिहा https://t.co/w2Wjl4n0A2
— ETVBharat Bihar (@ETVBharatBR) June 25, 2023
सुरक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि, इथम गांव में गुप्तचरों की जानकारी के उपरांत सेना ने खोज अभियान चालू किया था । लोगों को कोई भी परेशानी न हो; इसलिए संपूर्ण परिसर की नाकाबंदी की गई थी । सुरक्षाबलों ने यहां से बडी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया । साथ ही के.वाई.के.एल. के कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया । इसकी जानकारी मिलने पर बडी संख्या में महिलाएं वहां पहुंची और उन्होंने सेना पर दबाव बनाकर कार्यकर्ताओं को छोडने के लिए विवश किया ।
मणिपुर में अभी तक १२० लोग मारे गए हैं तथा ३ सहस्त्र से अधिक लोग घायल हुए ।
मणिपुर में जातीय हिंसा में अभी तक १२० लोगों की मृत्यु हुई है । ३ सहस्र से अधिक लोग घायल हुए हैं । इस संबंध में २४ जून को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी दलों की बैठक भी बुलाई थी । परिस्थिति संभालने के लिए ४० आई.पी.एस. अधिकारी और ३६ सशस्त्र सुरक्षा कर्मचारी राज्य में तैनात किए गए हैं, ऐसी जानकारी उन्होंने दी ।