अमेरिका का अगला राष्ट्रपति चुनने का अधिकार यहां के हिन्दुओं के पास ! – सांसद रिचर्ड मॅककॉर्मिक

अमेरिका की संसद में वैदिक मंत्रोच्चार में प्रथम हिन्दू-अमेरिकी परिषद संपन्न हुई ।

अमेरिका के सांसद रिचर्ड मॅककॉर्मिक

वॉशिंग्टन (अमेरिका) – अगला राष्ट्रपति चुनने का अधिकार अमेरिका के हिन्दुओं के पास है । ऐसा मैं केवल कहता नहीं, अपितु मुझे प्रतीत होता है कि आपमें वह क्षमता है । एक बार आपने उचित नेताओं से समझौता कर लिया, तो आपको अपनी शक्ति का भान हो जाएगा । आप अमेरिका के लिए कानून लिखेंगे, जो अपने देश को दशकों तक उन्नति के मार्ग पर लेकर जाएगा, अमेरिका के सांसद रिचर्ड मॅककॉर्मिक ने यहां ऐसा प्रशंसात्मक वक्तव्य दिया । अमेरिका के ‘कैपिटल हिल’ संसद में १४ जून को प्रथम हिन्दू-अमेरिकी परिषद आयोजित की गई । इस समय वे ऐसा बोल रहे थे । इस परिषद को ‘अमेरिकंस फॉर हिन्दू’ नाम दिया गया था । १३० भारतीय अमेरिकी नेता इसमें सम्मिलित हुए थे । इस परिषद को ‍वैदिक मंत्रोच्चार तथा प्रार्थना द्वारा आरंभ किया गया । २० हिन्दू संगठनों के सहयोग से यह परिषद आयोजित की गई थी । अमेरिका में रहनेवाले हिन्दुओं की समस्याओं की ओर अमेरिका के कानून निर्माताओं का ध्यान आकर्षित करना उसका उद्देश्य था ।

इस परिषद के आयोजक रोमेश जाप्रा ने कहा कि हिन्दू समाज ने प्रत्येक क्षेत्र में ठोस कार्य किया है । तब भी हम राजनीतिक दृष्टि से पिछडे हैं । अमेरिका में हिन्दुओं के साथ पक्षपात किया जाता है, हमें ऐसा प्रतीत होता है । इस परिषद के माध्यम से सभी संस्थाओं को एकत्रित लाना है ।

अमेरिका के संसद में हिन्दू सांसदों का समूह बनाया जाएगा ! – सांसद श्रीनिवास ठाणेदार

अमेरिका के सांसद श्रीनिवास ठाणेदार परिषद में बोलते हुए

इस परिषद में भारतीय वंश के अमेरिका के सांसद श्रीनिवास ठाणेदार ने अमेरिका की संसद में ‘हिन्दू कॉक्स’ बनाने की घोषणा की है । (कॉक्स अर्थात अमेरिका की संसद में समान उद्देश्यवाले सांसदों का समूह । इस समूह का प्रशासन संसद के नियमों के अनुसार होता है ) इसका उद्देश्य अमेरिका में हिन्दूद्वेष तथा वहां हिन्दुओं के साथ पक्षपातपूर्ण आचरण के विरुद्ध द्वेष तथा पक्षपात को रोकना है । श्रीनिवास ठाणेदार मूलत: बेलगांव के हैं । वे संसद में ‘सामोसा कॉक्स’ के सदस्य हैं । यह समूह भारतीय वंश के सांसदों का है । ये सांसद भारत से संबंधित सूत्र संसद में उपस्थित करते हैं ।

श्रीनिवास ठाणेदार ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना धर्म चुनने का अधिकार होना चाहिए । बिना किसी भय अथवा पक्षपात के ईश्वर की प्रार्थना करना संभव हो, यह व्यक्ति का मूलभूत अधिकार है । हम किसी के विरुद्ध नहीं हैं ।