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नई देहली – बंगाल में अन्य पिछडा वर्ग (ओ.बी.सी.) के कई अन्य जाति के हिन्दुओं को इस्लाम में धर्मांतरित कर दिया गया है । साथ ही, राष्ट्रीय अन्य पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर के अनुसार, बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान घुसपैठिए इन जातियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं ।
पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण, OBC लिस्ट में मुस्लिम जातियों का दबदबा, बांग्लादेशी-रोहिंग्या भी उठा रहे फायदा: NCBC अध्यक्ष का खुलासा#WestBengal #OBC https://t.co/vhwaZNYZFI
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) June 9, 2023
१. हंसराज अहीर ने संवाददाताओं को बताया कि आयोग के दल ने इस वर्ष २५ फरवरी को बंगाल का निरीक्षण दौरा किया था । यहां की पूछताछ में बंगाल की एक सांस्कृतिक संस्था ´कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट ´ के प्रतिवेदन में कहा गया है कि ‘ऐसी सूचना प्राप्त हुई थी कि, हिन्दुओं ने बडी संख्या में इस्लाम स्वीकार कर लिया है.’ बंगाल में बांग्लादेश के घुसपैठिए मुसलमानों को अन्य पिछडा वर्ग की सूची में सम्मिलित किया गया है । इस सूची में वे सभी सम्मिलित हैं, जो अन्य पिछडा वर्ग में नहीं आते । आयोग को कई आक्षेप पत्र प्राप्त हुए हैं और जांच से ज्ञात हुआ है कि सूची में सम्मिलित लोग बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं । इसमें म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों को भी सम्मिलित किया गया है ।
पश्चिम बंगाल के पिछड़े वर्ग की राज्य सूची में 179 जातियां हैं जिसमें से 118 मुस्लिम धर्म की जातियां #OBC की राज्य सूची में हैं जबकि लगभग 61 हिन्दू जाति #OBC की राज्य सूची में है। @NCBC_INDIA pic.twitter.com/wPPTRW78fO
— Hansraj Ahir (@ahir_hansraj) June 9, 2023
२. अहीर ने आगे कहा कि अन्य पिछडा वर्ग की सूची में हिन्दुओं से अधिक मुसलमानों के जातिगत नाम हैं । यह उस समय की स्थिति है, जब बंगाल हिन्दू बहुल था । राज्य की इस सूची में १७९ जाति के नाम हैं, जिनमें से ११८ मुस्लिम और ६१ हिन्दू जातियां हैं । बंगाल में सरकार ने इस सूची के साथ स्पष्टरूप से बहुत छेडछाड की है । सूची की श्रेणी ‘ए’ में ९० प्रतिशत मुसलमान हैं, साथ ही श्रेणी ‘बी’ में आधे से अधिक मुसलमान हैं । इस संबंध में पूछे जाने पर सरकार का कहना है कि उनमें से अनेक पूर्व में हिन्दू थे ।
३. अहीर ने कहा कि बंगाल सरकार ने अन्य पिछडा वर्ग की केंद्रीय सूची में ‘कुरैशी’ मुस्लिम जाति को सम्मिलित करने के लिए राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग को एक प्रस्ताव भेजा है, किन्तु स्वयं बंगाल सरकार इस जाति को पृथक मान्यता नहीं देती है । विशेष बात यह है कि कुरैशी मुसलमान राज्य की अन्य पिछडी जातियों की सूची में सम्मिलित नहीं हैं ।
संपादकीय भूमिका
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