प्यांगयांग (उत्तर कोरिया) – उत्तर कोरिया में बायबल रखने के प्रकरण में लोगों को आजीवन कारावास से लेकर मृत्यु दंड तक का दंड सुनाए जाने का दावा अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने धार्मिक स्वतंत्रता के विषय में जारी किए ब्योरे में किया है । वर्ष २०२२ में उत्तर कोरिया ने ७० सहस्र से अधिक ईसाई धर्म के लोगों को कारागृह में बंद कर दिया था । इस ब्यौरे से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर कोरिया के एक ईसाई परिवार को केवल उनके धर्म का पालन करने के कारण और बायबल रखने के कारण आजीवन कारावास का दंड सुनाया गया है । परिवार के एक २ वर्षीय बच्चे को भी इस दंड में शामिल किया है । यह प्रकरण वर्ष २००९ का है ।
A 2-year-old toddler in North Korea has been jailed for life after their parents were found with a Bible 😔 pic.twitter.com/HJwLTK4XJa
— Daily Loud (@DailyLoud) May 26, 2023
उत्तर कोरिया के ५०% लोग नास्तिक हैं, २५% लोग बौद्ध हैं और शेष २५% ईसाई और अन्य धर्म को मानने वाले हैं । उत्तर कोरिया साम्यवादी देश होने के कारण उसे ‘नास्तिकों का देश’ के रूप में पहचाना जाता है ।