भारत विकासशील और गरीब देशों का नेता है !

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप का वक्तव्य !

पोर्ट मोरेस्बी – पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप ने यहां कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ’ अर्थात  विकासशील और गरीब देशों का नेता है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी,  विकसित देशों के ‘पॉवर प्ले’ के आहार हैं। वे २२ मई को यहां आयोजित ‘फोरम फॉर इंडिया पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन’ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे। इस अवसर  पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित थे ।

कोरोना काल में जिन पर भरोसा किया वो संकट में हमारे साथ नहीं खडे रहे ! – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इसके उपरांत  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”कोरोना ने विकासशील और गरीब देशों को सबसे अधिक  प्रभावित किया है। वे पहले से ही जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा, भूख, गरीबी आदि जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे थे। अब उन्हें नए संकटों का सामना करना पड रहा है। कोरोना काल में जिन पर हमने भरोसा किया, वे संकट की घडी में हमारे साथ खडे नहीं हुए। भारत कठिन समय में प्रशांत द्वीपके देशों के साथ खडा रहा। कोरोना से बचाव के टीके के जरिए भारत ने सभी सहयोगी मित्रों की सहायता की है। भारत के लिए प्रशांत क्षेत्र के द्वीप छोटे द्वीपीय देश नहीं बल्कि बडे समुद्री देश हैं।

भारत और पापुआ न्यू गिनी के बीच द्विपक्षीय वार्ता !

प्रधानमंत्री मोदी ने जेम्स मारापे के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहा कि स्वास्थ्य, कौशल विकास, निवेश और संचार के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग बढाया जाएगा। दोनों नेताओं ने टोक पिसिन भाषा से तमिल में अनुवादित ‘थिरुकुरल’ पुस्तक के अनुवादित संस्करण का विमोचन किया। टोक पिसिन पापुआ न्यू गिनी की भाषा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉब डैड से भी मुलाकात की।

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने पैर छूकर किया मोदी का स्वागत! 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २१ मई को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप ने राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूकर उनका स्वागत किया। उसके उपरांत एयरपोर्ट पर ही प्रधानमंत्री मोदी को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ (विशेष सम्मान) दिया गया। वास्तव में  सूर्यास्त के उपरांत  इस देश में किसी भी विदेशी आगंतुक का विशेष सम्मान के साथ स्वागत नहीं किया जाता है, किन्तु भारत के महत्व को देखते हुए वहां की सरकार ने अपनी ही परंपरा तोड दी। नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी स्थित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देश को भेंट देने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।