उर्वरक (जीवामृत) बनाते समय गुड एवं बेसन के पर्याय के लिए किसका उपयोग करें ?

सनातन का ‘घर-घर रोपण’ अभियान

सौ. राघवी कोनेकर

‘उर्वरक (जीवामृत), यह देशी गाय के गोबर, गोमूत्र, बेसन एवं गुड से तैयार किया एक मिश्रण है । घरेलु पौधों के लिए ५ लीटर उर्वरक बनाना हो, तो आधी कटोरी गुड एवं आधी कटोरी बेसन लगता है । उसके पर्याय नीचे दिए गए हैं ।

१. बेसन का पर्याय

यहां बेसन केवल चना दाल ही नहीं, अपितु मूूंग, तूर, मसूर, चवली, इस प्रकार कोई भी द्विदल दलहन का आटा ले सकते हैं । रसोईघर का अच्छा बेसन लेने के स्थान पर दालें, दलहन साफ करते समय उसमें छिद्र पडी हुई दालें चुनकर एक ओर एकत्र करते जाएं । तदुपरांत इन्हें मिक्सर से पीसकर, उर्वरक बनाने में इसका उपयोग करें ।

२. गुड का पर्याय

गुड के स्थान पर उतनी ही मात्रा में मीठे फलों का गूदा ले सकते हैं । केला, पपीता, चीकू, आम जैसे मीठे फलों का गूदा निकालकर उसका उपयोग करें । अनेक बार घर में लाए ये फल बहुत अधिक पक जाते हैं । ऐसे समय भी उर्वरक बनाने के लिए उनके गूदे का उपयोग करें । गन्ने के रस का भी उपयोग कर सकते हैं । उसे गुड की चौगुनी मात्रा में लें, उदा. आधी कटोरी गुड होगा, तो २ कटोरी गन्ने का रस लें ।’

– श्रीमती राघवी मयूरेश कोनेकर, ढवळी, फोंडा, गोवा. (८.३.२०२३)

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