ढाबे को हिन्दुओं के देवताओं का नाम देकर मुसलमानों द्वारा हिन्दू ग्राहकों को फंसाया जाना ! 

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की घटनाएं 

प्रतिकात्मक छायाचित्र

देहरादून (उत्तराखंड) – उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्यों की सीमा पर एक प्रसिद्ध ‘चीतल ढाबा’ है । लोग अनेक वर्षों से वहां भोजन के लिए आते हैं; लेकिन आने वाले ९०% से अधिक लोगों को यह ज्ञात नहीं कि, यह ढाबा मुसलमान व्यापारी का है । यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी मुसलमान हैं और यहां शुद्ध वैष्णव भोजन उपलब्ध कराया जाता है, ऐसा दावा किया जाता है । इस क्षेत्र में ऐसे अनेक ढाबे हैं जिनके नाम ‘गढ़वाल ढाबा’, ‘जायका ढाबा’, ‘गुलशन ढाबा’, ‘अमन ढाबा’, ‘नीलकंठ ढाबा’, ‘महादेव ढाबा’ हैं; परंतु उनके मालिक मुसलमान हैं, ऐसा पता चला है ।

हरिद्वार-नजीबाबाद मार्ग पर अनेक ढाबे हैं जो मुसलमान चलाते हैं; लेकिन उनके बोर्ड पर हिन्दु देवताओं के बडे-बडे चित्र लगाए गए हैं । उसी प्रकार बोर्ड पर ‘शुद्ध वैष्णव ढाबा’ ऐसा लिखा है । यहां ‘गूगल-पे’ अथवा ‘पेटीएम’ द्वारा पैसे भुगतान करते ही उनकी वास्तविकता सामने आती है । पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ गजरौला, गढमुक्तेश्वर, मुंडपांडे महामार्ग पर ऐसे अनेक ढाबे हैं, जिनके बोर्ड पर हिन्दुओं के देवताओं के नाम हैं; परंतु मालिक एवं कर्मचारी मुसलमान हैं । हाल ही में हरिद्वार देहात के ढाबे में घी के स्थान पर प्राणियों की चर्बी मिलाए जाने की बात प्रकाशित हुई थी ।

संपादकीय भूमिका

  • ढाबों के मुसलमान मालिक अपने ढाबे का नाम मुसलमान व्यक्तियों के नाम पर क्यों नहीं रखते ? ऐसा करने पर हिन्दू ग्राहक नहीं आएंगे, यह उन्हें ज्ञात है । अन्य समय ‘हलाल’ की (पवित्रता की) बात करने वाले मुसलमानों के ढाबों के हिन्दू नाम कैसे चलते हैं ?
  •  हिन्दुओं धर्मांध मुसलमानों के षड्यंत्र को पहचान कर सतर्क हो जाएं ! वर्तमान में भारत में ‘थूक जिहाद’ के मामले सभी ओर बढ रहे हैं । इससे मुसलमानों के ढाबों में ऐसा क्यों नहीं होता होगा ?