अभियुक्तों के विरोध में प्रथम दृष्टया प्रतिवेदन को निरस्त करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का नकार !

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और धीरेंद्र शास्त्री के विरुद्ध ‘हेट स्पीच’ संदेश प्रकाशित करने का प्रकरण !

प्रयाग (उत्तर प्रदेश) – इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरुद्ध फेसबुक पर अभद्र भाषा का संदेश डालने वाले वाले एक व्यक्ति के विरोध में प्रविष्ट प्रथम दृष्टया प्रतिवेदन (एफ.आई.आर.) को निरस्त करने को अस्वीकार कर दिया है । भीम आर्मी के सदस्य याचिकाकर्ता दीपक ने भारतीय दंड संहिता की धारा ५०५(२) (सार्वजनिक दुराचार) के अंतर्गत प्रविष्ट प्रकरण को रद्द करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका की थी । विजय कुमार गौतम ने प्रार्थना में आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता दीपक ने फेसबुक पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और शास्त्री के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग किया था ।

उच्च न्यायालय ने याचिका निरस्त करते हुए कहा, ‘प्रथम दृष्टया शिकायत के अवलोकन से यह नहीं कहा जा सकता है कि कोई संज्ञेय अपराध नहीं हुआ है । इसलिए प्रतिवेदन को निरस्त करने या याचिकाकर्ता को बंदी बनाने पर रोक लगाने का कोई प्रथम दृष्टया कारण उपस्थित नहीं है ।’