पाकअधिकृत कश्मीर के वार्ताकारों द्वारा विरोध
(हिजाब अर्थात मुसलमान महिलाओं का सिर तथा गरदन ढंकने का वस्त्र)
इस्लामाबाद – पाकअधिकृत कश्मीर में पाकिस्तान शिक्षा विभाग ने आदेश देकर पाठशालाओं में छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को हिजाब अनिवार्य किया है । ‘ग्लोबल सिटिजन्स’ नामक स्वयंसेवी संस्था के अनुसार ‘इस निर्णय के कारण पिछडे वर्ग की छात्राओं की शिक्षा पर प्रतिकूल परिणाम होगा ।’ प्रशासन ने कहा है ‘हिजाब परिधान न करनेवाली छात्राओं एवं शिक्षिकाओं पर कार्रवाई की जाएगी’ । पाकअधिकृत कश्मीर के पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं ।
Hijab made mandatory for female students and teachers in PoK
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— ANI Digital (@ani_digital) March 6, 2023
१. कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है ‘पाकिस्तान को पाकअधिकृत कश्मीर की पहचान मिटानी है, इसलिए पाकिस्तान सरकार उसका इस्लामीकरण करने का प्रयास कर रही है । इसी के संदर्भ में पाठशालाओं में छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को हिजाब पहनना अनिवार्य किया जा रहा है’ ।
२. स्थानीय नागरिकों का कहना है ‘पाकअधिकृत कश्मीर की वांशिक एवं भाषा संबंधी पहचान मिटाने के प्रयास किए जा रहे हैं जिसे रोकने के लिए स्थानीय लोगों को प्रखर विरोध करना आवश्यक है’ ।
३. एक प्रसार माध्यम के वृत्त के अनुसार, १ मार्च से पाकिस्तान में प्रथम डिजिटल जनगणना आरंभ हुई है । इससे पूर्व पाकिस्तान सरकार द्वारा पाकअधिकृत कश्मीर के लोगों को ‘डिजिटल’ परिचय पत्र दिया गया था । इसमें पाकअधिकृत कश्मीर के लोगों को ‘जम्मू-कश्मीर के पूर्व नागरिक’ की पहचान दी गई थी । अब यह पहचान मिटा दी गई है ।
४. पूर्व में जनगणना के कागदपत्रों में स्थानीय भाषाओं के संबंध में एक स्तंभ था, अब वह स्तंभ हटा दिया गया है । पाकअधिकृत कश्मीरी लोगों की स्वतंत्र पहचान मिटाने के लिए पाकिस्तान सरकार यह कार्रवाई कर रही है ।