केंद्र सरकार देश के १ लाख करोड रुपए की ‘शत्रु की संपत्ति’ का विक्रय करेगी  !


नई देहली – केंद्र सरकार ने शत्रु की १ लाख करोड रुपए की संपत्ति के विक्रय की प्रक्रिया आरंभ की है । इनमें सबसे अधिक संपत्ति उत्तर प्रदेश में है । अभी तक केंद्र सरकार ने इस प्रकार की संपत्ति की नीलामी से ३ सहस्र ४०० करोड रुपए प्राप्त किए हैं ।

उत्तर प्रदेश में कुल मिला कर ६ सहस्र २५५ अर्थात कुल संपत्ति के ५० प्रतिशत से अधिक संपत्ति है । इसके पश्चात बंगाल में ४ सहस्र ८८, देहली में ६५९, गोवा में २९५, महाराष्ट्र में २०८, तेलंगाना १५८, गुजरात १५१, त्रिपुरा १०५, बिहार ९४, मध्य प्रदेश ९४, छत्तीसगढ ७८ तथा हरियाणा ७१ राज्यों का क्रमांक आता है ।

‘शत्रु की संपत्ति’ का अर्थ क्या है ?

भारत को स्वाधीनता प्राप्त होने के पश्चात भारत ने पाकिस्तान अथवा चीन में स्थाई नागरिक अथवा प्रतिष्ठानों की संपत्ति ‘शत्रु की संपत्ति’ के रूप में घोषित की है । इस संदर्भ में भारत सरकार ने १० सितंबर १९५९ को पहला अध्यादेश पारित किया था । तदुपरांत १८ दिसंबर १९७१  को दूसरा आदेश पारित किया । केंद्र सरकार द्वारा इन सभी संपत्तियों की नीलामी की जाती है । केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकडे के अनुसार आज भारत में शत्रु की संपत्ति पूरी १२ सहस्र ६११ करोड है । इसका अनुमानित मूल्य १ लाख करोड रुपए जितना है । यह संपत्ति  वर्तमान में ‘कस्टोडियन एनिमी प्रॉपर्टी ऑफ इंडिया’ के नियंत्रण में है ।