महाशिवरात्रि पर देहली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में विविध स्थानों पर सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनियों का आयोजन

‘महाशिवरात्रि’ पर शिवतत्त्व अन्य समय की तुलना में सहस्र गुना कार्यरत होता है । इस दिन भगवान शिव की उपासना जितनी अधिक करते हैं, उपासक को आध्यात्मिक स्तर पर उतना अधिक लाभ होता है । इस उद्देश्य से शिवजी की उपासना सहित विभिन्न आध्यात्मिक विषयों पर श्रद्धालुओं को शास्त्रीय जानकारी मिलने की दृष्टि से महाशिवरात्रि पर सनातन संस्था द्वारा दिल्ली में कालकाजी स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर व श्री सनातन धर्म मंदिर में, फरीदाबाद, नोएडा तथा मथुरा में विशेष ग्रंथ-प्रदर्शनी कक्ष लगाए गए ।

देहली – एन.सी.आर. व मथुरा में भी कुल ८ स्थानों पर इन ग्रंथ-प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया । श्रद्धालुओं ने सनातन संस्था की ग्रंथ-प्रदर्शनी कक्षों का अवलोकन कर भगवान शिव तथा अन्य विभिन्न आध्यात्मिक विषयों पर धर्मशास्त्रीय जानकारी प्राप्त की तथा आध्यात्मिक स्तर पर महाशिवरात्रि का लाभ उठाया ।

‘शिवरात्रि को शिवपिंडी पर दूध का अभिषेक करने की अपेक्षा वह दूध गरीब को दें’, इस आशय का अभियान केवल हिन्दू त्योहारों के समय कुछ तथाकथित आधुनिकतावादियों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है । इस कुप्रचार की बलि न चढते हुए, भक्तिभाव से महाशिवरात्रि का उत्सव मनाएं, ऐसा आवाहन भी इस उत्सव के निमित्त सनातन संस्था द्वारा किया गया ।

वाराणसी (उत्तऱ प्रदेश) – महाशिवरात्रि के पर सनातन संस्था द्वारा उत्तर प्रदेश में ९ तथा बिहार के ४ ऐसे कुल १३ सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित ग्रंथों तथा सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई । इन प्रदर्शनियों में भगवान शिव की पूजा से संबंधित तथा धर्माचरण से संबंधित फ्लेक्स लगाए गए । इन प्रदर्शनियों का लाभ हजारों श्रद्धालुओं ने उठाया ।

क्षणिकाएं

मार्कंडेय महादेव मंदिर के समीप प्रदर्शनी पर लगे महाराणा प्रताप के फ्लेक्स को देखकर एक श्रद्धालु श्री. आशुतोष सिंह ने कहा, ‘‘सनातन जो कार्य कर रही है, वह बहुत ही उल्लेखनीय है और हम सभी सनातनी हैं, इसलिए हमें सनातन का समर्थन करना चाहिए । सामने ही मेरा घर है । आप लोग जब भी यहां आएं, यहां निवास कर सकते हैं ।’’