अखिल मानवजाति का अध्यात्म जगत से अभिनव परिचय करानेवाली सनातन संस्था की ध्वनि-चित्रीकरण से संबंधित सेवाओं में सम्मिलित होकर धार्मिक कार्य में अपना योगदान दें !

साधक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमियों से विनती !

परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के मार्गदर्शन में सनातन के रामनाथी आश्रम में चल रही ‘ध्वनि-चित्रीकरण की सेवा’ अर्थात हिन्दू धर्म एवं संस्कृति, इसके साथ ही आध्यात्मिक शोध से अद्वितीय परिचय करवानेवाला अनमोल ज्ञानभंडार !

विविध साधनामार्गाें से साधना किए संतों की साधना यात्रा को उजागर करनेवाली भेंटवार्ता, हिन्दू आचार एवं धार्मिक कृति करने की उचित पद्धति एवं उसका शास्त्र, वर्तमान में हिन्दू राष्ट्र चलाने हेतु भगवान द्वारा उच्च लोकों से पृथ्वी पर जन्म लिए दैेवी बालकों की भेंटवार्ता जैसे नानाविध नवीन विषयों पर ध्वनि-चित्रीकरण एवं उसके अंतर्गत विविध सेवाएं चल रही हैं । न आध्यात्मिक शोध के लिए उपयुक्त ध्वनि–चित्रीकरण करना एक प्रमुख विशेषता है । देश-विदेश के तीर्थक्षेत्र, संतों के समाधिस्थल, ऐतिहासिक स्थल आदि का माहात्म्य, इसके साथ ही उन विषयों का आध्यात्मिक शोध; अनिष्ट शक्ति एवं उसके कारण होनेवाले कष्टों पर उपाय के विषय में शोध; दैवी शक्ति एवं अनिष्ट शक्ति का दृश्य परिणाम दर्शानेवाले शोध; सात्त्विक संगीत, नृत्य, वाद्यवादन जैसी कलाओं के संदर्भ में किए शोध, ध्वनि-चित्रीकरण के माध्यम से ऐसे विभिन्न प्रकार के नवीन शोध के पक्ष उजागर हो रहे हैं ।

ध्वनि-चित्रीकरण से संबंधित सेवा करनेवालों की विविध सेवाओं से जगत को अध्यात्म जगत की नवीन पहचान होगी, इसके साथ ही ज्ञान का एक अनोखा आनंद भी अनुभव होगा । १ – २ वर्ष में भीषण आपातकाल आरंभ होनेवाला है । उससे पूर्व ही यह संपूर्ण ज्ञान भंडार अखिल मानव जाति तक पहुंचाना है । इसलिए यह सेवा करना श्रेष्ठ समष्टि साधना ही है । यह साधना कर, शीघ्र ईश्वरप्राप्ति कर सकते हैं !

सनातन के आश्रमों की आगे दी गई सेवाओं में सम्मिलित हो सकते हैं !

‘सनातन के आश्रमों में आगे दी गई सेवाओं के लिए भी साधकों की आवश्यकता है – ग्रंथ, कला, जालस्थल, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक, संगणक देखभाल, वैद्यकीय,
निर्माण-कार्य, अनाज, पाकशाला एवं बेकरी इन सेवाओं के विषय में विस्तृत जानकारी समय-समय पर ‘सनातन प्रभात’ में प्रकाशित की जाती है । उपरोक्त सेवाओं में सम्मिलित होने हेतु इच्छुक पाठक / साधक

[email protected] संगणकीय पते पर अपनी जानकारी भेजें ।

इसमें कुछ शंका हो, तो श्रीमती भाग्यश्री सावंत से 7058885610 पर संपर्क करें ।

ये संपूर्ण कार्य शीघ्रता से होने हेतु मनुष्यबल की आवश्यकता है । आप अपनी रुचि एवं कौशल के अनुसार आगे दी गई कोई सेवा सीख सकते हैं । आगे दी गई कुछ सेवा आश्रम में रहकर सीखने के पश्चात उसे घर पर रहकर भी कर सकते हैं । इसके अंतर्गत आनेवाली सेवाएं आगे दिए अनुसार हैं ।

१. विविध उपलब्ध सेवाएं

१ अ. चित्रीकरण (शूटिंग)

१. चित्रीकरण एवं ध्वनिमुद्रण (रेकॉर्डिंग) करना

२. चित्रीकरण के समय प्रकाश-योजना, वेश-भूषा आदि के लिए सहायता करना

३. चित्रीकरण की प्रविष्टियों का वर्गीकरण करना

१ आ. छायाचित्र लेना (फोटोग्राफी)

१. छायाचित्र लेना

२. १,७४,००० से भी अधिक छायाचित्रों को विषयानुसार संकेतांक (कोड) देना

३. १ लाख से भी अधिक छायाचित्रों का विषयानुसार वर्गीकरण करना एवं उनमें से अनावश्यक छायाचित्र हटा देना

१ इ. चित्रीकरण का संकलन (एडिटिंग) करना

१. ४०० से भी अधिक विषयों पर चित्रीकरण का संकलन, साथ ही ध्वनि-संतुलन (ऑडियो बैलेंसिंग) करना

२. ४०० से भी अधिक दृश्यश्रव्य-चक्रिकाओं की (‘वीसीडी’ की) तकनीकी (टेक्निकल) दृष्टि से जांच करना

३. प्रति माह १०० से भी अधिक छायाचित्र दृश्य-श्रव्य चक्रिकाएं लेने योग्य करने के लिए ‘फोटोशॉप’ में सेवा करना

४. संगणक पर सूक्ष्म ज्ञान विषय के चित्र एवं अन्य चित्र तैयार करना

१ ई. विविध विषयों पर संहिता लेखन (स्क्रिप्ट राइटिंग) करना

१. संहिता के लिए आवश्यक बातें (उदा. जानकारी, छायाचित्र, ग्रंथ) एकत्र करना

२. ५०० से भी अधिक विषयों पर संहिता लिखना

३. संकलित हुआ ध्वनि-चित्रीकरण जांचना

४. संहिता की आवश्यकतानुसार अन्य भाषाओं में भाषांतर करना

१ उ. दृश्य-श्रव्य चक्रिकाओं की (‘कैसेट’) की चित्रीकरण (फूटेज) संबंधी सेवाएं

१. ९०० से भी अधिक दृश्य-श्रव्य चक्रिकाओं में से चित्रीकरण संगणक में लेकर वह ठीक से आया है, यह देखना

२. २०,००० से भी अधिक घंटे के चित्रीकरण की आवश्यक जानकारी अंग्रेजी भाषा में टंकलिखित करना

३. २०,००० से भी अधिक घंटे के चित्रीकरण के विषयानुरूप वर्गीकरण कर उन्हें संकेतांक देना, इसके साथ ही उनकी ‘वीडियो लाइब्रेरी’ बनाना

१ ऊ. अन्य सेवा

१. चित्रीकरण सामग्री के भीतरी एवं बाहरी देखभाल तथा जांच करना (INCOMING-OUTGOING) देखना

२. दृश्यश्रव्य-चक्रिकाओं की देखभाल करना

३. दृश्यश्रव्य-चक्रिकाओं का संग्रह (लाइब्रेरी) संभालना

४. चित्रीकरण एवं संकलन से संबंधित उपकरणों की देखभाल एवं सुधार कार्य करना

जो साधक, पाठक, शुभचिंतक एवं धर्मप्रेमी व्यवसाय के रूप में ‘वीडियो एडिटिंग’ अथवा तत्सम तकनीकी काम करते हैं, वे भी अपना व्यवसाय संभालते हुए इस धर्मसेवा के लिए अपना निःशुल्क योगदान दे सकते हैं । यह सेवा करने हेतु जो इच्छुक हैं, उन्हें सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी ।

उपरोक्त सेवा करने हेतु इच्छुक अपने जिलासेवकों के माध्यम से आगे दी गई सारणीनुसार अपनी जानकारी श्रीमती भाग्यश्री सावंत के नाम [email protected] संगणकीय पते पर आगे दिए डाक पते पर भेजें ।

डाक पता

श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पिन – ४०३४०१’

(१२.९.२०२२)