नेपाल के सर्वाेच्च न्यायालय ने भेजा प्रधानमंत्री प्रचंड को नोटीस !

माओवादी हिंसाचार से संबंधित ५ सहस्र लोगों की मृत्यु का प्रकरण

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड

काठमंडू (नेपाल) – पिछले एक दशक से नेपाल में चल रहे माओवादी हिंसाचार में ५ सहस्र लोगों की जो मृत्यु हुई उस प्रकरण में प्रधानमंत्री प्रचंड की क्या भूमिका थी, इसकी पूछताछ करने की मांग एक याचिका द्वारा न्यायालय में की गई है । इसी उपलक्ष्य में नेपाल के सर्वाेच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को नोटीस भेजा है । इन हत्याओं की स्वीकृति प्रचंड द्वारा दी गई थी, जिसके आधार पर यह याचिका प्रविष्ट की गई है । इस याचिका के आधार पर न्यायालय ने नोटीस भेजते हुए ‘इस प्रकरण में निश्चित क्या हुआ था तथा याचिकाकर्ता की मांग के अनुसार आपकी पूछताछ क्यों न की जाए ?’ ऐसा प्रचंड से पूछा है । याचिकाकर्ता ने प्रचंड को नियंत्रण में लेने की मांग की थी; परंतु न्यायालय ने इसे अस्वीकार किया ।

१५ जनवरी २०२० में काठमंडू के माघी उत्सव में प्रचंड ने कहा था कि एक दशक से चल रहे विद्रोह का नेतृत्व माओवादी पार्टी के नेता के नाते मैं कर रहा था; इसलिए ५ सहस्र लोगों की मृत्यु का दायित्व मेरा है, परंतु शेष मृत्युओं का दायित्व संबंधित लोगों ने स्वीकार करना चाहिए । इस विद्रोही हिंसाचार में १७ सहस्र लोगों की मृत्यु हुई थी । प्रचंड ने ‘पिपल्स वॉर’ के नाम पर शस्त्रसहित यह आंदोलन किया था ।