सामान्य चाय के दुष्परिणाम होने से अनेक लोगों को लगता है, ‘चाय पीना बंद करना चाहिए’; परंतु ‘चाय का कोई अन्य विकल्प होना चाहिए’, ऐसा भी लगता है । ऐसे लोगों के लिए घर के रोपण के अंतर्गत फूल-पत्तियों से बनाई जानेवाली चाय के ये विकल्प उपलब्ध हैं । प्रतिदिन एक ही स्वादवाली चाय पीने की अपेक्षा ऐसे विभिन्न विकल्पों के प्रयोग (आजमाने) से मन को नवीनतापूर्ण आनंद का अनुभव मिल पाएगा ।
१. अपराजिता के फूलों की नीली चाय (Blue Tea)
‘अपराजिता की बेल तथा उसके नीले फूल सर्वपरिचित हैं । अपराजिता की बेल में छोटी-छोटी फलियां आती हैं तथा उसके नीले फूल से सभी परिचित हैं । बेल में ही इन फलियों के सूख जाने पर उससे बीज निकलते हैं । इन बीजों की खेती कर उससे अपराजिता की बेल उगाई जा सकती है । अपराजिता के फूलों की ‘नीली चाय’ बन सकती है ।
१ अ. लगभग २ कप चाय के लिए आवश्यक सामग्री
ढाई कप पानी, नीली अपराजिता के ८ से १० फूल, ४ – ५ तुलसी के पत्ते, अदरक का छोटा सा टुकडा, घास की चाय (ग्रास टी) के ४ छोटे पत्ते तथा दालचीनी का १ छोटा टुकडा
१ आ. बनाने की पद्धति
अपराजिता के फूलों को हल्के हाथों से धो लें; क्योंकि इन्हें मलने से उनका नीला रंग चला जाता है । इन फूलों सहित उक्त सभी सामग्री को २ मिनट तक उबालें और मिश्रण को कुछ समय ढककर रखें । उसके उपरांत उसमें स्वाद के लिए आवश्यक गुड तथा रुचि अनुसार नींबू का रस मिलाकर गुनगुनी चाय पीएं ।
२. अडहुल की पंखुडियों की लाल चाय (Red Tea)
अपराजिता के फूलों की भांति अडहुल की पंखुडियों से भी चाय बनाई जा सकती है । ऊपर दी गई अपराजिता के फूलों की चाय के लिए उपयोग की जानेवाली सामग्री का उपयोग करें और उसके समान ही चाय बनाएं । उपरोक्त दोनों चाय के लिए यदि ताजे पुष्प उपलब्ध न हों, तो पिछले दिन के मुरझाए हुए पुष्प भी ले सकते हैं ।
३. तुलसी एवं अदरक के पत्तों की हरी चाय (Green Tea)
मंडी में मिलनेवाले अदरक के कंदों को सहजता से मिट्टी में रोपा जा सकता है । कंद लगाने से लेकर नया अदरक कटाई के लिए होने तक लगभग ८ – ९ माह का समय लगता है । इस अवधि में बढनेवाले पौधों में बहुत पत्ते आते हैं तथा इन पत्तों से चाय बनाई जा सकती है । तुलसी की भी अनेक प्रजातियां लगाई जा सकती हैं । उदा. राम तुलसी, कृष्ण तुलसी, जंगली तुलसी, कर्पूर तुलसी, धूप तुलसी ! इस चाय में अपनी रुचि के अनुसार तुलसी के एक अथवा एक से अधिक प्रकार के पत्ते डाले जा सकते हैं ।
३ अ. लगभग २ कप चाय के लिए आवश्यक सामग्री
ढाई कप पानी, अदरक के ५ – ६ पत्ते, तुलसी के ५ – ६ पत्ते, चाय घास की ४ छोटी पत्तियां, रुचि अनुसार थोडी इलायची का चूर्ण या दालचीनी, लौंग एवं काली मिर्च में से कोई एक मसाला
३ आ. कृति
सर्व पत्ते स्वच्छ धो लें । उपरोक्त सर्व सामग्री ५ मिनट तक उबालें । तदुपरांत उसमें स्वाद के अनुसार गुड एवं रुचि के अनुसार नींबू का रस डालकर गुनगुनी चाय पीएं । यदि अपनी रोपवाटिका में पुदिना अथवा पत्ता-अजवाइन लगाया हो, तो अपनी रुचि के अनुसार उसके पत्ते भी चाय में डालकर स्वाद में विविधता ला सकते हैं । (२७.९.२०२२)
– श्रीमती राघवी मयूरेश कोनेकर, ढवळी, फोंडा, गोवा. (२७.९.२०२२)