न्यूयार्क – अमेरिका के सीएटल के वाशिंग्टन विश्वविद्यालय ने कहा है कि चीन में बढता हुआ संक्रमण अत्यंत भयावह है । इस विश्वविद्यालय ने कहा है कि आगामी वर्ष के अप्रैल तक न्यूनतम ५ लाख चीनी लोगों की मृत्यु होगी जबकि वर्ष २०२३ के अंत तक १६ लाख चीनी नागरिक इस वायरस पर बलि चढेंगे । इसके साथ ही महामारी के विशषेषज्ञों ने (‘एपिडियमोलॉजिस्ट’ ने भी) कहा है कि चीन को भयावह संकट का सामना करना पड रहा है । ऐसी स्थिति में वहां के ‘ओमिक्रॉन बीएफ.७’ कोरोेना वायरस का प्रकार अत्यंत तीव्र गति से संक्रमित होते हुए भी वहां की चतुर साम्यवादी सरकार ने सब कुछ अच्छा होने के समाचार प्रसारित किए हैं ।
China has reported just a handful of Covid-19 deaths as a wave of Omicron infections has swept the country, stoking suspicion that the government isn’t accurately accounting for the impact of the virus https://t.co/bGDfX3JSoq
— WSJ China Real Time (@ChinaRealTime) December 22, 2022
१. चीनी सरकार के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ द्वारा दिए गए समाचार के अनुसार कोरोना से अच्छे हुए लोग कोई परीक्षण किए बिना अपने कार्यस्थल पर उपस्थित (ज्वाइन) हो सकते हैं । वहां के होटलस, चलचित्रगृह आदि भी खुले रखने की अनुमति दी गई है ।
२. १९ दिसंबर को राजधानी बीजिंग में ७ लोगों की कोरोना से मृत्यु हुई, जबकि चीन सरकार ने २० दिसंबर को एक भी मृत्यु न होने की बात कही है । ऐसी स्थिति में ‘यह अंकवारी बहुत बडी है’, अंतर्राष्ट्रीय प्रसारमाध्यमों पर उदाहरण के साथ ऐसा कहा जा रहा है ।
३. देश में अनेक श्मशान २४ घंटे चलाए जा रहे हैं तथा अनेक स्थानों पर प्रेतों की अंतिम विधि करने हेतु ५-६ दिन रुकना पड रहा है । स्थानीय लोगों का ऐसा कहना है । तब भी चीनी प्रसारमाध्यम इस पर मौन हैं ।
४. इतना ही नहीं, अपितु चीन के मित्र के रूप में कुप्रसिद्ध वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों द्वारा भी चीन के बढते संक्रमण पर चिंता व्यक्त की जा रही है तथा संगठनों द्वारा चीनी सरकार को वैक्सीनेशन की गति भारी मात्रा में बढाने का भी सुझाव दिया गया है । अमेरिका के ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ का कहना है, ‘इसके उपरांत भी चीन उसकी वास्तविक स्थिति विश्व के सामने नहीं आने दे रहा ।’
संपादकीय भूमिकास्वयं की आंतरिक समस्या के विषय में विश्व को झूठी जानकारी देनेवाला चीन विश्वासपात्र नहीं है । भारत को उससे सदैव सतर्क रहना चाहिए ! |