भारत कंबोडिया में अंगकोर वाट मंदिर का जीर्णोद्धार कर रहा है ! – विदेश मंत्री एस. जयशंकर

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – मंदिर हमारी संस्कृति और इतिहास के संरक्षक हैं । मोदी सरकार का ध्यान विश्व भर में भारत की समृद्ध परंपराओं के पुनर्निर्माण पर है । भारतीय संस्कृति का प्रसार अनेक देशों में हुआ है । इसी के अंतर्गत भारत कंबोडिया में अंगकोरवाट मंदिर का जीर्णोद्धार कर रहा है । विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यहां आयोजित ‘काशी तमिल संगम’ में ‘समाज और राष्ट्र निर्माण में मंदिरों का योगदान’ विषय पर चर्चा के समय कहा ।

(सौजन्य : StudyIQ IAS)

एस. जयशंकर ने आगे कहा,

विदेश मंत्री एस. जयशंकर

१. हमारे मंदिरों की उपेक्षा करने का समय अब बहुत पीछे चला गया है। अब इतिहास का चक्र घूम चुका है और भारत पुनः उभर रहा है। हमारा शासन भारतीय संस्कृति और विरासत को पूरे विश्व में उसका उचित स्थान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

२. मैं कुछ वर्षों के लिए चीन में राजदूत था। मैंने उसके पूर्वी भाग में हिन्दू मंदिरों के भग्नावशेष देखे हैं। कोरिया और अयोध्या का भी एक विशेष संबंध है और वहां के लोग इसे संजो कर रखना चाहते हैं।

३. मंदिरों को विश्व स्तर पर संरक्षित करने की आवश्यकता है। भारत सरकार इसके लिए अथक प्रयास कर रही है। अमेरिका में एक सहस्त्र से अधिक मंदिर हैं। विदेशों में साढ़े तीन करोड़ हिंदू हैं। वे वहां अपनी संस्कृति लेकर आए हैं और प्रतिदिन संस्कृति के अनुसार कार्य कर रहे हैं।

४. हमारी सरकार नेपाल में ‘रामायण यात्रा मार्ग’ बनाने के लिए २०० करोड़ रुपये देने को तैयार हो गई है। भारत ने श्रीलंका के मन्नार में थिरूकेतीश्‍वरम् मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया है। यह मंदिर गत १२ वर्षों से बंद था।

५. एक मंदिर न केवल श्रद्धा और पूजा का स्थान है, किन्तु एक सामाजिक केंद्र, मिलन स्थल, ज्ञान और संस्कृति का केंद्र भी है। वे कला और शिल्प के प्रवर्तक हैं। मंदिर एक वित्तीय केंद्र भी है। इन सबसे ऊपर, मंदिर हमारी विरासत एवं इतिहास के केंद्र हैं। मंदिर हमारी जीवन पद्धति के प्रतीक हैं।