उच्चतम न्यायालय का महत्वपूर्ण मत
नई देहली – जमानत की अरजी पर अनेक दिनो तक ‘तारीख पर तारीख’ के सत्र चालू रहते हैं । यह लंबी सुनवाई अर्थात न्यायालय का अमूल्य समय व्यर्थ करने के समान है । उच्चतम न्यायालय ने एक प्रकरण की सुनवाई करते समय कहा कि जमानत की अरजी की सुनवाई पर १० मि. से अधिक समय नहीं लगना चाहिए । जमानत की अरजी पर समय पर निर्णय न होने से देशभर के कारागृह में तात्कालिक कैदियों की (जिनका मुकदमा चालू नही हुआ और जिनको जमानत नहीं मिली, ऐसे कैदी) संख्या अधिक है । इस पृष्ठभूमि पर न्यायालय ने यह मत रखा है ।
Lengthy Bail Hearings A Waste Of Time; Arguments Should Not Exceed 10 Minutes, Says Justice SK Kaul @awstika https://t.co/mjUTuBsIJh
— Live Law (@LiveLawIndia) December 9, 2022
संपादकीय भूमिकाउच्चतम न्यायालय को ऐसा होने के लिए भी प्रयास करने चाहिए, ऐसा ही जनता को लगता है ! |