प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं को कुछ समय के लिए उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति बनाएं !

प्रलंबित मुकदमों का निर्णय निकालने के लिए उच्चतम न्यायालय ने दी केंद्र सरकार को सूचना

सर्वोच्च न्यायालय

नई देहली – देश के विविध उच्च न्यायालयों में आज भी अनेक न्यायालयीन पद रिक्त हैं । इस कारण इन न्यायालयों में प्रकरण बडी मात्रा में प्रलंबित हैं । इस पर उपाय निकालने के लिए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को एक सूचना जारी की है । न्यायालय ने कहा है कि अनेक प्रतिष्ठित अधिवक्ता उनके काम से कुछ वर्ष विश्राम लेने की इच्छा रखते हैं । अनेकों बार ऐसे अधिवक्ता हमेशा के लिए न्यायमूर्ति पद स्वीकार करने के इच्छुक नहीं होते हैं; परंतु कुछ समय के लिए वे न्यायालयीन पद स्वीकारने के इच्छुक होते हैं । इसलिए ऐसे अधिवक्ताओं को सामाजिक दायित्व के तौर पर २-३ वर्ष की अल्प अवधि के लिए न्यायमूर्ति बनाए जाने का विचार केंद्र सरकार को करना चाहिए ।

न्यायमूर्ति संजय कौल, न्यायमूर्ति अभय ओक और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की खंडपीठ ने बताया कि, इन अधिवक्ताओं की जिस क्षेत्र में निपुणता है ऐसे क्षेत्र के मुकदमों के निर्णय के लिए अनुमति दिए जाने पर मुकदमों के निर्णय दर बढाने के लिए यह प्रभावी होगा । ‘उच्च न्यायालय में न्यायमूर्तियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जटिल है, इसे प्रभावी करने के लिए और अधिवक्ताओं को इसके लिए आकर्षित करने के लिए एक सरल प्रक्रिया स्वीकारनी चाहिए’, ऐसा कहते हुए न्यायालय ने अ‍ॅटर्नी जनरल अरविंद दातार को यह प्रक्रिया सुलभ करने के लिए और उपाय सुझाने के लिए कहा है ।