‘ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ के अध्यक्ष बद्रुद्दीन अजमल की क्षमायाचना

उन्होंने विधान किया था कि हिन्दू ४० वर्ष तक विवाह नहीं करते और इस कालावधि में २-३ अवैध महिलाएं रखते हैं’ !

अध्यक्ष बद्रुद्दीन अजमल

करीमगंज (असम) – यहां ‘ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट’ के अध्यक्ष तथा सांसद बद्रुद्दीन अजमल ने हिन्दुओं के विषय में किए विधान पर क्षमायाचना की है । उन्होंने क्षमा मांगते हुए कहा कि, ‘मैंने हिन्दुओं के विषय में कुछ भी नहीं कहा है ।’ (अजमल की मक्कारी ! – संपादक) इसके पहले ही अजमल के विरोध में हिन्दू युवा छात्र परिषद ने नौगाव में पुलिस शिकायत प्रविष्ट की है । भाजपा की ओर से भी अजमल के ऊपर टिप्पणी की गई थी ।

यहां एक कार्यक्रम में अजमल ने कहा था कि लडकी की आयु १८ वर्ष पूर्ण होने पर उसके विवाह के लिए सरकार ने अनुमति दी है । वे (हिन्दू) लोग ४० वर्ष तक विवाह नहीं करते । इस कालावधि में वे २-३ अवैध महिलाएं रखते हैं । उन्हें बच्चे नहीं होने देते । वे स्वयं का खर्च बचाते हैं । एक प्रकार से वे मजाक करते हैं । ४० वर्ष के होने पर मां-बाप ने विवाह के लिए प्रवृत्त किया अथवा वे कहीं फंसे, तो वे विवाह करते हैं; लेकिन ४० वर्ष के होने के उपरांत बच्चे को जन्म देने की उनकी क्षमता कहां रहती है ? इसके आगे बच्चे को जन्म देना और उसको पालना, ऐसी आशा वे कैसे  रख सकते हैं ? सही समय में विवाह होने पर सभी बातें सही हो सकती हैं । इसी कारण मुसलमानों की यह पद्धति आपको भी मान्य करनी चाहिए । लडके का विवाह २० से २२ वर्ष की आयु में तथा लडकी का विवाह १८ से २० वर्ष की आयु तक करना चाहिए । तब देखिए आपके भी अनेक बच्चे पैदा होंगे । (‘महिला अर्थात बच्चे जन्म देने का कारखाना’ ऐसी ही मुसलमानों की मानसिकता होने से अजमल ने ऐसा विधान किया है, यह ध्यान में लें ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

हिन्दुओं के विषय में हिन्दुओं के देश में रहकर इस प्रकार के विधान करने का साहस यह हिन्दुओं की निष्क्रियता के कारण ही होता है । असम में भाजपा की सरकार है । सरकार को स्वयं ही अजमल के विरोध में हिन्दुओं की भावनाएं दुखी किए जाने पर अपराध प्रविष्ट कर उन्हें कारागृह में डालना चाहिए और कठोर दंड होने तक प्रयास करना चाहिए, ऐसा ही हिन्दुओं को लगता है !