एक से अधिक विवाह और निकाह हलाला पर प्रतिबंध लगाए जाने की याचिका पर सुनवाई के लिए संविधानपीठ की स्थापना होगी !

(निकाह हलाला अर्थात तलाक दिए जाने के उपरांत पुन: उसी पति से विवाह करने के पूर्व दूसरे व्यक्ति से शारीरिक संबंध रखना)

नई देहली – उच्चतम न्यायालय द्वारा एक से अधिक विवाह और निकाह हलाला इन प्रकरणों पर सुनवाई करने के लिए संविधानपीठ की स्थापना किए जाने की अनुमति है । मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह अनुमति दी ।

वरिष्ठ अधिवक्ता और भाजपा नेता अधिवक्ता (श्री.) अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर यह निर्णय लिया गया है । इस याचिका द्वारा मुसलमानों में एक से अधिक विवाह और निकाह हलाला पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है ।