बेंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक के कांग्रेस की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष सतीश जारकीहोली ने हिन्दू शब्द विदेशी है तथा उसका अर्थ बहुत ही घृणास्पद है, ऐसा कहा था । उनके इस वक्तव्य की सभी स्तरों पर आलोचना की जा रही है; परंतु तब भी जारकीहोली अपने वक्तव्य पर अचल हैं । इस संदर्भ में उन्होंने अलग-अलग संदर्भ देने का भी प्रयास किया है; परंतु कांग्रेस ने इस विषय में ‘वह जारकीहोळी का व्यक्तिगत मत है तथा हमारे दल का उसके साथ कोई संबंध नहीं है’, ऐसा कहकर उनसे दूरी बना ली है । (भले ही वह जारकीहोली का व्यक्तिगत मत हो; परंतु तब भी वह अनुचित है, यह कांग्रेस दृढतापूर्वक क्यों नहीं बताती ? उन्होंने अथवा अन्य किसी कांग्रेसी नेता ने अन्य धर्मियों के संदर्भ में ऐसा वक्तव्य दिया होता, तो कांग्रेस यही उत्तर देती अथवा उस पर कार्यवाही करती ?, यह कांग्रेस को बताना पडेगा ! – संपादक) शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ‘हिन्दू शब्द वैदिक एवं पौराणिक है’, यह स्पष्ट किया था ।
ईसाई पंथ अथवा पैगंबर से पहले से हिन्दू शब्द का उल्लेख !
शंकराचार्यजी ने कहा था कि यदि हिन्दू शब्द का विचार किया जाए, तो यह शब्द यीशू एवं मोहम्मद पैगंबर से भी पहले से है । जब एलेक्जांडर भारत आया था, उस समय उसने भारत को ‘सिंधुस्तान’ कहा था । केवल इतना ही नहीं, अपितु पुराणों में भी ‘हिन्दू’ शब्द का उल्लेख है । अनेक प्राचीन ग्रंथ इस शब्द की पुष्टि करते हैं ।