बिहार में भाजपा के विधायक ललन पासवान का हिन्दूद्रोही वक्तव्य !
भागलपुर (बिहार) – मुसलमान कभी श्री लक्ष्मीदेवी की पूजा नहीं करते; क्या इसलिए वे धनवान नहीं हैं ? वे कभी श्री सरस्वतीदेवी की पूजा नहीं करते, तो क्या वे विद्वान नहीं है ?, यहां के पीरपैती मतदाता संघ के भाजपा के विधायक ललन पासवान ने ऐसा हिन्दूद्रोही वक्तव्य दिया । उनके विरुद्ध हिन्दुओं द्वारा आंदोलन किया गया एवं पासवान का पुतला भी दहन किया गया । तत्पश्चात पासवान ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मेरे बोलने का अर्थ ऐसा नहीं था । मानें तो देवता तथा न मानें तो पत्थर ! मैं ईश्वर को मानता हूं । मैं सभी देवी-देवताओं की पूजा करता हूं । सभी कुछ मानने पर ही है । जब उन्हें तर्क तथा विज्ञान की कसौटी पर जांचा जाएगा, तब वे भी मेरे समान हो जाएंगे । (इसे कहते हैं, पराजित होने पर भी नाक ऊपर ! ऐसे लोगों के विरुद्ध हिन्दुओं की धार्मिक भावना आहत करने का परिवाद प्रविष्ट कर उन पर कार्यवाही होने हेतु प्रयास करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
आज का बयान –
लक्ष्मी पूजा को मुसलमान से जोड़ बैठे भाजपा विधायक ललन पासवान pic.twitter.com/gPxlmIJrZs
— हिन्दी ख़बर | Hindi Khabar 🇮🇳 (@HindiKhabar) October 19, 2022
१. ललन पासवान ने अपने भाषण में ऐसा भी कहा कि बजरंगबली शक्ति के देवता हैं; परंतु मुसलमान अथवा अन्य धर्म के लोग बजरंग बली की पूजा नहीं करते । अमेरिका में उनका मंदिर नहीं है, वहां पूजा भी नहीं होती; इसलिए क्या अमेरिका शक्तिशाली देश नहीं है ?
२. पासवान का विरोध होने लगा तो उन्होंने कहा कि इस विरोध का कोई अर्थ नहीं है । यदि सामर्थ्य है, तो तर्क के आधार पर बोलना चाहिए । (हिन्दुओं के देवी- देवता तर्क के नहीं, अपितु श्रद्धा के आधार पर पूजे जाते हैं । यह भी ज्ञात न रहनेवाले पासवान भाजपा के विधायक हैं, हिन्दुओं को यह अपेक्षित नहीं है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. पासवान ने अपनी मां की मृत्यु के उपरांत सामाजिक कुप्रथा बताते हुए तेरहवीं को भोजन नहीं दिया था । पासवान ने कहा कि ये सभी विवाद भोजन न देने के संदर्भ में हैं । इसीलिए मेरा विरोध किया जा रहा है ।
भाजपा, जनता दल (संयुक्त) तथा कांग्रेस द्वारा आलोचना
भाजपा के राज्य प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने ललन पासवान को नास्तिक कहा तथा ‘नास्तिक व्यक्ति ही इस प्रकार का वक्तव्य दे सकता है’, ऐसा कहा । कांग्रेस तथा जनता दल (संयुक्त) के नेताओं ने भी पासवान की आलोचना की है ।
संपादकीय भूमिका
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