यूरोपियन यूनियन के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का परिणाम !
लक्जंबर्ग सिटी (लक्जंबर्ग) – कर्नाटक की शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब पर बंदी लगाई गई है । इस पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अंतिम निर्णय देनेवाले हैं । दूसरी ओर यूरोपियन यूनियन के सर्वोच्च न्यायालय ने दिए एक निर्णय के आधार पर यूरोप की आस्थापनें हिजाब पर बंदी लगा सकती हैं । ‘कोर्ट ऑफ जस्टिस यूरोपियन यूनियन ने एक प्रकरण में निर्णय देते हुए कहा, ‘सिर पर के वस्त्र पर सीधा प्रतिबंध, यूरोपियन संघ के विधान का उल्लंघन नहीं है । यह निर्णय धर्म के आधार पर श्रमिकों (कामगारों) से भेदभाव करनेवाला नहीं, परंतु हिजाब पर इस प्रकार बंदी लाना अप्रत्यक्ष भेदभाव है या नहीं ? इसका निर्णय बैल्जियम न्यायालय दे’ । कर्मचारियों में तटस्थता की प्रतिमा रखने होगी, तो यूरोपियन आस्थापन ‘हेडस्कार्फ’ (सिर पर बांधने का वस्त्र) पर बंदी ला सकती है’ ।
एक मुसलमान महिला ने बेल्जियम के एक आस्थापन में 6 सप्ताह के प्रशिक्षण के लिए आवेदन किया था । इस समय संबंधित आस्थापन ने बताया, ‘काम करते हुए हिजाब परिधान नहीं कर सकते’ । इस पर प्रकरण बैल्जियम के न्यायालय में पहुंचा । आस्थापन ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘आस्थापन में सभी के लिए समान नियम है । आस्थापन में टोपी अथवा स्कार्फ परिधान करने की अनुमति नहीं है । इसी आधार पर सिर पर किसी भी प्रकार का वस्त्र परिधान करने की अनुमति नहीं है’ । तत्पश्चात बैल्जियम के न्यायालय ने प्रकरण यूरोपिय संघ के सर्वोच्च न्यायालय को सुपूर्द किया ।