(कार्बन डेटिंग परीक्षण एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी वस्तु की आयु मापने के लिए किया जाता है)
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – के ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग पर जिला न्यायालय ने 11 अक्टूबर तक सुनवाई स्थगित कर दी है । मुसलमान पक्ष ने इस विषय में अपना पक्ष रखने की विनती करने पर न्यायालय ने उपर्युक्त निर्णय लिया । दूसरी ओर कार्बन डेटिंग पर हिन्दू पक्ष के दो गुट हो गए । 5 महिला पक्षकारों में से राखी सिंह ने कार्बन डेटिंग का विरोध किया है । कार्बन डेटिंग परीक्षण से शिवलिंग कितना प्राचीन (पुरातन) एवं उसकी आयु समझ में आनेवाली है । इससे ज्ञानवापी पर हिन्दुओं का दावा अधिक प्रबल होनेवाला है ।
#ScienceNotPolitics | Gyanvapi row: Varanasi court defers order on carbon dating of 'Shivling' to October 11 https://t.co/scL7Jk3jER
— Republic (@republic) October 7, 2022
राखी सिंह के अधिवक्ता मन बहादुर सिंह का कहना है, ‘ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग कार्बन डेटिंग से खंडित होगा । अपने सनातन हिन्दू धर्म में खंडित मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है । इसलिए शिवलिंग का कार्बन डेटिंग कदापि न की जाए’ । अन्य 4 महिला पक्षकारों के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है, ‘कार्बन डेटिंग करते समय ज्ञानवापी को स्पर्श भी नहीं करना पडेगा । स्पर्श न करते हुए यह परीक्षण किया जा सकता है’ ।