दल (पर्टी) की अपेक्षा मेरे लिए धर्मरक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण है ! – टी. राजा सिंह

भाजपा के विधायक टी. राजा सिंह

भाग्यनगर (तेलंगाना) – यहां के गोशामहल विधानसभा मतदातासंघ के भाजपा के विधायक टी. राजा सिंह को पैगंबर का कथित अपमान करने के लिए बंदी बना कर तदुपरांत प्रतिभूति (जमानत) पर छोड दिया गया । इस प्रकरण में भाजपा द्वारा उन्हें निलंबित कर कारण बताओ नोटिस दी गई है । इस विषय में टी. राजा सिंह ने कहा है, ‘मैंने कुछ भी अनुचित नहीं कहा है । मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दल में प्रामाणिक सैनिक हूं; परंतु पक्ष की अपेक्षा मुझे धर्मरक्षा करना अधिक महत्त्वपूर्ण प्रतीत होता है । मैं शीघ्र ही मेरे वीडियो का दूसरा भाग प्रसारित करूंगा । उसमें धर्म का विरोध करनेवालों पर टिप्पणियां रहेंगी । ’

मैं धर्म हेतु मरने के लिए भी सिद्ध हूं ! – टी. राजा सिंह

विधायक टी. राजा सिंह को २३ अगस्त को पुलिसकर्मियों द्वारा घर से बंदी बनाने के पश्चात पुलिस थाने में ले जाते समय उन्होंने कहा था, ‘पुलिसकर्मी वास्तव में क्या करेंगे, मुझे यह ज्ञात नहीं । जिस समय मैं मुक्त (रिहा) हो जाऊंगा, उस समय निश्चित रूप से वीडियो का दूसरा भाग भी अपलोड करूंगा । मैं धर्म हेतु मरने के लिए भी तैयार हूं’ सायंकाल में देर से उन्हें न्यायालय द्वारा प्रतिभूति (जमानत) पर मुक्त किया गया ।

श्रीराम का अपमान करनेवालों को सम्मान; परंतु भक्तों को कोई भी मान नहीं !

टी. राजा सिंह ने आगे कहा था कि जिस समय हिन्दुओं के देवी-देवताओं पर अपमानजनक हास्य सुनाए जाते हैं, उन्हें लक्ष्य किया जाता है, उस समय कोई अपराध प्रविष्ट नहीं किया जाता । आज मेरे विरुद्ध अनेक स्थानों पर अपराध प्रविष्ट किए जा रहे हैं; परंतु क्या श्रीराम हमारे भगवान नहीं है ? क्या सीता हमारी माता नहीं हैं ? आज तेलंगाना में भक्त पूछ रहे हैं कि हमारे भगवान श्रीराम एवं माता सीता का अपमान करनेवाले लोगों को सुरक्षा दी जा रही है ? उन्हें ऐसी सुरक्षा दी जा रही है जैसी प्रधानमंत्री को भी नहीं मिलती । इसमें सरकार जनता को क्या संदेश देना चाहती है ? भगवान श्रीराम तथा माता सीता का अपमान करनेवालों का सम्मान है, जब कि भक्तों का कोई मान नहीं !

एक यु ट्यूब चैनल पर टी. राजा सिंह का एक वीडियो अपलोड किया गया था । उसमें उन्होंने हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी पर आलोचना की थी । उसने भाग्यनगर में एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था । टी. राजा सिंह ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था । उन्होंने कहा, ‘क्या हमारे राम, राम नहीं है ? हमारी सीता, सीतामाता नहीं ? मैंने पुलिस महासंचालक से हाथ जोड कर विनती की थी कि वे राम तथा सीता के विरुद्ध आपत्तिजनक हास्य करनेवाले व्यक्ति को कार्यक्रम की अनुमति न दें ।’ उनके विरोध के पश्चात भी कार्यक्रम हुआ था । इस कार्यक्रम के उपरांत टी. राजा सिंह ने वीडियो बनाया था । इसमें उनके द्वारा पैगंबर का कथित अपमान करने का आरोप है ।

टी. राजा सिंह की मुक्ति (रिहाई) के पश्चात धर्मांधों की ओर से हिंसा : ४ पुलिसकर्मी घायल

टी. राजा सिंह को २३ अगस्त की सायंकाल में विलंब से प्रतिभूति (जमानत) प्राप्त होने के उपरांत धर्मांधों ने उसी रात्रि हिंसा की । टी. राजा सिंह को सिर काट देने की धमकी दी गई । इस समय पुलिसकर्मियों ने उन पर नियंत्रण प्राप्त करने का प्रयास किया । इस समय हुए संघर्ष में ४ पुलिसकर्मी घायल हुए तथा पुलिसकर्मियाें के वाहन भी तोडे गए । इस समय पुलिसकर्मियाें ने लाठी चलाई तथा अश्रूगैस की नलियां छोडीं । नगर में अंबरपेट, तल्लबकट्टा, मोगलपुरा, खिलवत, बहादुरपुरा तथा चंचलगुडा में हिंसक प्रदर्शन किए गए ।