हेलसिंकी (फिनलैंड) – वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण विश्व को प्राकृतिक आपदाओं के रूप में विभिन्न संकटों का सामना करना पड़ रहा है । एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में ‘फिनिश मौसम विज्ञान संस्थान’ द्वारा एक चौंकाने वाला निष्कर्ष सामने आया है, जिसके अनुसार आर्कटिक क्षेत्र का हिमाच्छादन, पृथ्वी के औसत तापमान वृद्धि से चार गुना तीव्रता से पिघल रहा है । गत ४० वर्षों में आर्कटिक क्षेत्र, पृथ्वी के अन्य क्षेत्रों की तुलना में चार गुना तेजी से गर्म हुआ है ।
Arctic Warming: दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में चार गुना अधिक तेजी से गर्म हो रहा आर्कटिक, नए शोध में बड़ा खुलासा#Arctic #GlobalWarminghttps://t.co/bRAUEr7l6q
— India TV Hindi (@IndiaTVHindi) August 13, 2022
नॉर्वे और फिनलैंड के शोधकर्ताओं के एक समूह ने १९७९ से उपग्रहों के माध्यम से एकत्रित किए गए जानकारी का अध्ययन किया । वैज्ञानिकों ने पाया है कि आर्कटिक का तापमान प्रत्येक दशक में ०.७५ अंश सेल्सियस बढ़ रहा है । यह परिमाण पृथ्वी के अन्य स्थानों की तुलना में चार गुना अधिक है।
समुद्र का स्तर २० फीट से अधिक बढ़ सकता है !आर्कटिक क्षेत्र के कुछ क्षेत्रों में तापमान औसत से ७ गुना तक बढ़ रहा है । शोधकर्ताओं में से एक, एंटी लिपपोनन का कहना है कि जलवायु परिवर्तन मनुष्यों के कारण हुआ है । आर्कटिक के उष्म होते ही इसके ‘हिमनद ‘ पिघल जाएंगे । इससे संपूर्ण विश्व के समुद्र का स्तर बढ़ेगा । ‘ग्रीनलैंड आइस शीट’ में इतना पानी है कि महासागरों का जल स्तर २० फीट या ६ मीटर तक बढ़ सकता है । |
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