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नई देहली – देश के चीनी भ्रमणभाष प्रतिष्ठानों पर प्रतिबंध डालने की सिद्धता आरंभ है । केंद्रशासन शीघ्र ही १२ सहस्र रुपए की अपेक्षा अल्प मूल्य के चीनी भ्रमणभाष संचों पर भारत में प्रतिबंध लगा सकती है । ‘ब्लूमबर्ग’ व्यावसायिक प्रतिष्ठान द्वारा प्राप्त सूचनानुसार केंद्र ने यह निर्णय ‘लावा’ तथा ‘मायक्रोमॅक्स’ समान देशांतर्गत प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहन देने के लिए अपनाया है । इस निर्णय के कारण ‘शाओमी’, ‘विवो’, ‘ओप्पो’, ‘पोको’, ‘रेडमी’, ‘रिअलमी,’ जैसे चीनी प्रतिष्ठान प्रभावित होंगे ।
#LeadStoryOnET | The move is aimed at pushing Chinese giants out of the lower segment of the world’s second-biggest mobile market, according to people familiar with the matter.https://t.co/aFwOml0zL0
— Economic Times (@EconomicTimes) August 9, 2022
१. ‘स्मार्टफोन’ के क्षेत्र में भारत विश्व में दूसरे क्रमांक की हाट (बाजार) है । उस पर चीनी प्रतिष्ठानों का प्रभुत्व है । (यह बात भारतीयों के लिए लज्जास्पद ! – संकलनकर्ता )
२. एक ब्योरे के अनुसार भारत में १५० डॉलर्स की अपेक्षा (१२ सहस्र रुपए की अपेक्षा) अल्प मूल्य के स्मार्टफोन्स का अंश कुल मिलाकर भ्रमणभाष संचों के व्यवसाय में एक तृतीयांश है । उसमें चीनी प्रतिष्ठानों का प्रभुत्व है । उसकी मात्रा लगभग ८० प्रतिशत है । अतः शाओमी को सर्वाधिक प्रभावित होने की संभावना है । उसके ६६ प्रतिशत भ्रमणभाष १२ सहस्र अथवा उससे अल्प मूल्य के हैं ।
३. ऐसा कहा जाता है कि यदि चीनी भ्रमणभाष संचों पर प्रतिबंध लगाए गए, तो ‘सॅमसंग’ तथा ‘एपल’ भ्रमणभाष प्रतिष्ठानों को उसका लाभ होगा ।
भारत द्वारा पिछली कुछ कालावधि में चीन पर डाले गए व्यावसायिक प्रतिबंध !
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संपादकीय भूमिकाशत्रुराष्ट्र के भ्रमणभाष संचों के विरुद्ध भारत शासन का उठाया यह कदम स्वागत योग्य है । अब राष्ट्र प्रेमियों को भी चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए ! |