जिला नहीं, अपितु राज्यस्तर पर अल्पसंख्यकों का दर्जा निश्चित हो ! – सर्वाेच्च न्यायालय

नई देहली – धार्मिक एवं भाषा के संदर्भ में अल्पसंख्यकों की निश्चिती जिला स्तर पर नहीं की जा सकती । वह राज्य स्तर पर ही होनी चाहिए, ऐसा सर्वाेच्च न्यायालय ने देश के ९ राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक दर्जा देने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते समय कहा है । यह याचिका देवकीनंदन ठाकुर ने प्रविष्ट की है । इस पर अगली सुनवाई सितंबर माह में होगी ।

वर्ष १९९३ मे केंद्रशासन द्वारा एक अधिसूचना निकालकर राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमान, सिक्ख, जैन, बौद्ध एवं पारसी को अल्पसंख्यक घोषित किया था । इन सभी को जिला स्तर पर अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग ठाकुर ने अपनी याचिका में की है ।

संपादकीय भूमिका

अब देश के ९ राज्याें में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक घोषित करना चाहिए, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !