जनसंख्या वृद्धि पर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका; केंद्र सरकार को नोटिस !

अपराध वृद्धि के पीछे जनसंख्या वृद्धि का कारण होने का दावा !

नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय में प्रविष्ट की गई एक जनहित याचिका में दावा किया गया है कि देश में हो रही गतिविधियां, जैसे चोरी, लूट, पारिवारिक हिंसा, महिलाओं के साथ छल, पृथकतावाद, धर्मांधता, पथराव इत्यादि ५० प्रतिशत समस्याओं के पीछे जनसंख्या वृद्धि ही मूल कारण है । ऐसा होते हुए भी जनसंख्या नियंत्रण के लिए कडे कदम उठाने के विषय में केंद्र सरकार कुछ भी नहीं कर रही है । ८ अगस्त को न्यायालय ने इस याचिका को देखा और सरकार को नोटिस भेजी है । धर्मगुरु देवकी नंदन ठाकुर के द्वारा अधिवक्ता आशुतोष दुबे ने यह याचिका प्रविष्ट की है ।

याचिका में प्रस्तुत किए गए महत्त्वपूर्ण सूत्र

१. देश की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की आवश्यकता है । नागरिकों को शुद्ध हवा, पानी, भोजन, स्वास्थ्य एवं जीविकोपार्जन का अधिकार मिलना चाहिए । इसके लिए भी ऐसे कानून अत्यावश्यक हैं ।

२. जनसंख्या नियंत्रित करनेके लिए सरकार ने ‘हम दो, हमारे दो’ की घोषणा की थी । एक सर्वेक्षण के अनुसार चोरी, लूट, बलात्कार जैसे विविध अपराधों में लगभग ८० प्रतिशत अपराधी ऐसे परिवार से हैं, जहां परिवार द्वारा ‘हम दो, हमारे दो’ अभियान का उल्लंघन किया गया है ।

३. याचिका में विनती की गई  है कि देश के विधि आयोग को विकसित देशों की जनसंख्या नियंत्रण कानून एवं नीतियों का अध्ययन करने के संदर्भ में निर्देश दिए जाएं तथा सर्व नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की रक्षा करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण के संदर्भ में उपाययोजना सुझाएं ।

न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नाजीर एवं न्यायमूर्ति जे.के. महेश्वरी के खंडपीठ ने इस याचिका की ओर गंभीरता से ध्यान दिया है तथा केंद्र सरकार को नोटिस पारित कर पक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं ।

संपादकीय भूमिका

जनसंख्या के संदर्भ में भारत शीघ्र ही चीन को पराजित कर देगा । इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्रप्रेमियों को लगता है कि समान नागिरकता कानून एवं जनसंख्या नियंत्रण कानून तुरंत कार्यान्वित होने चाहिए !