‘हम दो हमारे बारह’ आगामी हिन्दी चलचित्र को मुसलमानों का विरोध

चलचित्र के भित्तिपत्रक पर दर्शाया गया १२ सदस्यों का मुसलमान परिवार !

मुंबई – ‘हम दो हमारे बारह’ आगामी हिन्दी चलचित्र का भित्तिपत्रक प्रकाशित किया गया है । उसमें एक मुसलमान परिवार का छायाचित्र दिखाई दे रहा है । इसमें कुल मिला कर १२ लोग दर्शाए गए हैं । इस भित्तिपत्रक के नीचे ‘शीघ्र ही चीन को पीछे छोडेंगे’, ऐसा लिखा है । यह चलचित्र जनसंख्यावृद्धि पर आधारित होने के कारण मुसलमानों की ओर से इस पर आपत्ति दर्शाई गई है ।

१. इस चलचित्र के दिग्दर्शक कमल चंद्रा ने आलोचकों को संयम रखने को कहते हुए स्पष्ट किया कि यह चलचित्र किसी भी विशेष समुदाय पर आधारित नहीं है ।

२. इस विषय में पत्रकार राणा अयुब ने चलचित्र के भित्तीपत्रक ट्विटर पर प्रसारित किए है । उन्होंने ट्विट किया है कि ऐसे चलचित्रों को केंद्रीय परिनिरीक्षण मंडल अनुमति कैसे देता है ? चलचित्र में मुसलमान समाज को लक्ष्य बनाया गया है । एक मुसलमान परिवार के छायाचित्र का प्रयोग कर उस पर ‘हम दो हमारे बारह’ शीर्षक दिया गया है । यह ‘इस्लामोफोबिया’ (मुसलमानों के विषय में द्वेष) है ।’

संपादकीय भूमिका

  • भारत की जनसंख्यावृद्धि में मुसलमानों की गति अधिक होने की बात इससे पूर्व के सर्वेक्षण से उजागर हो चुकी है । इसलिए यदि किसी ने ‘उनकी जनसंख्या में वृद्धि हो रही है’, ऐसा कहा, तो वह चूक कैसे है ?
  • भारत के विभाजन के समय ३ प्रतिशत होनेवाले मुसलमान आज १४ प्रतिशत हो गए हैं, जब कि उस तुलना में हिन्दू न्यून हो रहे हैं, यह किसका द्योतक है ?