अल्पसंख्यक हिन्दू, ईसाई तथा सिक्ख कैदियों को उनका धर्मग्रंथ पठन करने पर उनके दंड में ३ से ६ माह की छूट मिलेगी !

पाकिस्तान में पंजाब सरकार का प्रस्ताव

लाहौर (पाकिस्तान) – पाकिस्तान में स्थित पंजाब में नई सरकार राज्य के कारागृह के कैदियों में हिन्दू, ईसाई तथा सिक्ख, अल्पसंख्यक धर्म के इन बंदियों को एक प्रस्ताव देगी । ‘यदि उन्होंने अपने धर्म का धर्मग्रंथ (श्रीमद्भगवद्गीता, बाइबल तथा गुरुग्रंथ साहिब) कंठस्थ किया, तो उन्हें उनके दंड में ३ से ६ माह की छूट दी जाएगी’। पंजाब प्रांत के गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा गया है । मंत्रीमंडल की सहमति के उपरांत यह योजना लागू की जाएगी ।’ वर्तमान में पंजाब प्रांत के ३४ कारागृहों में १ सहस्र १८८ अल्पसंख्यक समाज के बंदी दंड भुगत रहे हैं ।

१. मार्च माह में एक ईसाई बंदी ने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर अल्पसंख्यक समाज के बंदियों को दंड में छूट देने की मांग की थी । उसमें उन्होंने कहा था कि जिस प्रकार ‘पाकिस्तान कारागृह नियम १९७८’ के नियम २१५ के अनुसार ‘मुसलमान बंदियों को दंड में छूट दी जाती है, अल्पसंख्यक धर्म के बंदियों को भी वैसी छूट मिले’ ।

२. मुसलमान बंदियों को कुराण पाठ करने से  ६ माह से २ वर्षां तक के दंड छूट देने की प्रस्ताव है । इस प्रस्ताव को मंत्रीमंडल की अनुमति मिलना आवश्यक है ।

संपादकीय भूमिका

भारत में हिन्दू कैदियों को साधना सिखा कर उनसे धर्माचरण करवाना आवश्यक है ! ऐसा करने से उनकी अपराधी मानसिकता में परिवर्तन होकर उनमें सुधार हो सकता है !