श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – ‘विविध सरकारी प्रयत्नों के पश्चात भी हिन्दू कर्मचारी कश्मीर घाटी में सुरक्षित नहीं हैं । इसलिए उनके घाटी छोड देश में अन्यत्र कहीं भी स्थानांतरण होने तक प्रदर्शन शुरू ही रहेगा’, ऐसा इस प्रदर्शन का नेतृत्व करनेवाले ‘ऑल मायग्रेंट (निर्वासित) कर्मचारी संघ कश्मीर’ ने बताया । यहा १२ मई से नित्य प्रदर्शन शुरू हैं ।
The J&K administration has transferred 5 #KashmiriPandit employees from Kashmir to Jammu amid agitation for their relocation.https://t.co/hij85hZTqY
— IndiaToday (@IndiaToday) July 31, 2022
गत कुछ महिनों से कश्मीर घाटी में हिन्दुओं को लक्ष्य बनाकर हत्याएं होने से यहां के कश्मीरी हिन्दू कर्मचारियों ने उनका स्थानांतरण करने की मांग की है । इसलिए वे प्रदर्शन कर रहे हैं ।
अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सार्वजनिक बांधकाम विभाग के ५ कनिष्ठ अभियंताओं का जम्मू विभाग में स्थानांतरण का निर्देश दिया है । ये सभी कश्मीरी हिन्दू हैं । केंद्र सरकार ने इसके पूर्व स्पष्ट किया था कि, ‘किसी भी हिन्दू कर्मचारी का हिंसाचार के भय से कश्मीर से स्थानांतरण नहीं किया जाएगा ।’ अब अचानक किए स्थानांतरण पर केद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ भी स्पष्टीकरण नहीं दिया है । तब भी प्रदर्शन करनेवाले ५ सहस्र कश्मीरी हिन्दू कर्मचारियों ने स्थानांतरण के इस निर्णय का स्वागत किया है, परंतु जब तक ‘सभी कश्मीरी हिन्दू कर्मचारियों का घाटी से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण नहीं हो जाता, तब तक यह प्रदर्शन चलता रहेगा’, ऐसी उनकी भूमिका हैं ।
केंद्र सरकार ने कश्मीर में नियुक्त मूल जम्मू निवासी हिन्दू कर्मचारियों के (कश्मीरी हिन्दू न होनेवाले) स्थानांतरण पर निर्णय लेने के पूर्व समिति की स्थापना की है । मुख्य सचिव (कार्मिक विभाग) मनोजकुमार द्विवेदी उस समिति के प्रमुख हैं । यह समिति स्थानांतरण से संबंधित सभी पहलुओं की जांच-पडताल करेगी, परंतु कश्मीरी हिन्दुओं के स्थानांतरण की अनुशंसा (सिफारिश) नहीं करेंगी । इन कर्मचारियों के स्थानांतरण से संबंधित कोई भी निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की सहमति के बिना नहीं हो सकता ।
संपादकीय भूमिकाअपने प्राणों की रक्षा हेतु इसप्रकार के प्रदर्शन के पश्चात भी सरकारी यंत्रणाओं से प्रतिसाद न मिलना लज्जाजनक ! |