बागपत (उत्तरप्रदेश) में मुसलमानों के विरोध के पश्चात भी पिछले ५ वर्षों से कावड यात्रा में सम्मिलित हो रहे हैं बाबू खान !

प्रतिदिन करते शिवमंदिर की स्वच्छता !

बाबू खान

बागपत(उत्तरप्रदेश) – यहां के बाबू खान पिछले ५ वर्षों से कावड यात्रा कर रहे हैं । जब पहली बार वर्ष २०१८ में उन्होंने कावड यात्रा की थी, उस समय स्थानीय मुसलमानों ने उन्हें मस्जिद से बाहर निकाल दिया था; किंतु वे गत ५ वर्षों से कावड यात्रा में सम्मिलित होते ही हैं ।

बाबू खान ने बताया कि जब वे पहली बार कावड यात्रा में सम्मिलित हुए, उस समय घर में क्लेश हुआ और उन्होंने परिवार को समझाया था । उस समय यात्रा से आने के पश्चात महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया । दूसरे दिन मस्जिद में नमाजपठन हेतु जाने के पश्चात मुझ पर बहिष्कार डालकर मुझे बाहर निकाल दिया गया । इस संदर्भ में पुलिस स्टेशन में परिवाद प्रविष्ट करने के पश्चात मस्जिद से बाहर निकालनेवाले को बंदी बनाया गया । अब मैं प्रातः ५ बजे मस्जिद में जाकर नमाजपठन करता हूं तत्पश्चात शिवमंदिर में जाकर स्वच्छता करता हूं । किंतु मैंने इस्लाम का त्याग नहीं किया है; कावड यात्रा पर मेरी श्रद्धा है । अतः मैं प्रतिवर्ष हरिद्वार जाता हूं ।

संपादकीय भूमिका

  • कावड यात्रा में सम्मिलित होने के पश्चात विरोध करनेवाले मुसलमानों को निधर्मीवादी तथा पुरो(अधो)गामी नामक सर्वधर्मसमभाव तथा निधर्मीवाद का उपदेश क्यों नहीं दिया जाता ? क्या उन्हें यह प्रतीत होता है कि ये उपदेश केवल सहिष्णु एवं आत्मघात करनेवाले हिन्दुओं के लिए ही हैं ?
  • हिन्दु मुसलमानों के त्योहारों में सम्मिलित होते हैं; किंतु मुसलमान कुछ अपवाद छोडकर कभी भी हिन्दुओं के त्योहारों में सम्मिलित नहीं होते, इसके विपरीत वस्तुस्थिति यह है कि हिन्दुओं की धार्मिक शोभायात्राओं पर मुसलमान आक्रमण करते हैं !