हिन्दुओं के मूलभूत अधिकारों का हनन करनेवाला ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ कानून तत्काल निरस्त कर काशी, मथुरा, ताजमहल, भोजशाला आदि मुगल आक्रमणकारियों द्वारा हडपे गए सहस्र मंदिर और भूमि हिन्दुओं के नियंत्रण में दी जाए, इस प्रस्ताव को सभी हिन्दुत्वनिष्ठों ने पारित किया ।
पारित किए गए अन्य प्रस्ताव
१. भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं को न्याय दिलाने के लिए संविधान से ‘सेक्युलर’ और ‘सोशलिस्ट’ शब्द हटाकर वहां ‘स्पिरिच्युअल’ शब्द जोडा जाए और भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित किया जाए ।
२. भारत में ‘एफ.एस.एस.ए.आई.’ और ‘एफ.डी.ए.’ जैसी सरकारी संस्थाएं होते हुए धार्मिक आधार पर ‘समानांतर अर्थव्यवस्था’ निर्माण करनेवाले ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए ।
३. सरकार के नियंत्रण में समस्त भारत के जो मंदिर हैं, उन सभी मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त कर मंदिर भक्तों को सौंपे जाएं ।
४. केंद्र सरकार संपूर्ण देश में ‘गोवंश हत्या प्रतिबंधक’ और ‘धर्मांतरण प्रतिबंधक’ कानून पारित करे । धर्मांतरण रोकने के लिए संविधान के अनुच्छेद २५ में सुधार कर उसमें से ‘धर्म का प्रचार’ शब्द हटाया जाए ।
५. ‘नेपाल हिन्दू राष्ट्र घोषित हो’, नेपाल के हिन्दुओं की इस मांग का यह अधिवेशन संपूर्ण समर्थन करता है ।
६. गोवा मे ‘इन्क्विजिशन’ के नाम पर २५० वर्ष गोमंतकियों पर किए गए अमानवीय और क्रूर अत्याचारों के लिए ईसाईयों के धर्मगुरु पोप गोवा की जनता की सार्वजनिक क्षमा मांगें ।
७. कश्मीर घाटी में ‘पनून कश्मीर’ नामक केंद्रशासित प्रदेश की निर्मिति कर वहां विस्थापित कश्मीरी हिन्दुओं का पुनर्वसन किया जाए ।
८. पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका के हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों की पूछताछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और भारत सरकार करे तथा वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा दी जाए ।
९. भारत में घुसपैठ किए हुए रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी मुसलमानों को वापस भेजने के लिए सरकार कठोर कानून बनाए । सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) को तत्काल कार्यान्वित किया जाए ।
१०. गत कुछ वर्षों में अहिन्दुओं की जनसंख्या का विस्फोट देखते हुए सर्वधर्मियों की जनसंख्या का संतुलन बनाए रखने के लिए देश में तत्काल ‘जनसंख्या नियंत्रण कानून’ लागू किया जाए ।
११. मानवता की दृष्टि से और संवैधानिक अधिकारों का विचार कर गोवा के मुख्यमंत्री श्री. प्रमोद सावंत कर्नाटक की ‘श्रीराम सेना’ के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक पर गोवा राज्य में लगाई गई प्रवेश बंदी हटाएं । अधिवेशन के समापन के समय हाथ उठाकर ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ का जयघोष करते हुए उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों ने उपरोक्त प्रस्तावों को स्वीकृति दी ।