‘स्वयं की समस्या विश्व की समस्या है’, इस मानसिकता को यूरोप को त्याग देना चाहिए !

विदेशमंत्री जयशंकर ने युरोप को फटकारा


ब्रातिस्लावा (स्लोवाकिया) – ‘स्वयं की समस्या पूरे विश्व की समस्या है’, इस मानसिकता को यूरोप को त्याग देना चाहिए; क्योंकि विश्व की समस्या यूरोप की समस्या नहीं है, ऐसे शब्दों में भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने यूरोप को फटकार लगाई । वे यूरोप में स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा में आयोजित ‘ग्लोबसेक २०२२’ परिषद में बोल रहे थे ।

१. जयशंकर ने चीन के विषय में कहा कि ‘चीन से भारत के संबंध तनावपूर्ण हैं; परंतु भारत उसका सामना करने के लिए पूर्णरूप से सक्षम है । यदि भारत को विश्व का समर्थन मिला, तो निश्चित ही उपयुक्त होगा; परंतु ‘मुझे एक संघर्ष में उतरना चाहिए; क्योंकि मुझे इससे अन्य संघर्षों में सहायता होगी’, इस समझदारी से विश्व नहीं चलता है‘, ऐसा भी उन्होंने यूरोप को सुनाया ।

२. जयशंकर ने आगे कहा कि ‘यूक्रेन पर आक्रमण करने के कारण भारत को रूस पर टिप्पणी करनी चाहिए, ऐसी यूरोप के कुछ देशों की अपेक्षा है । ‘भारत को चीन का सामना करने के लिए विश्व की सहायता की आवश्यकता पड सकती है’, ऐसा उन देशों का तर्क है; परंतु भारत की चीन से संबंधित अनेक समस्याएं हैं; परंतु इनका यूक्रेन और रूस से कुछ भी संबंध नहीं’, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया ।

संपादकीय भूमिका

भले ही चीन से भारत के संबंध अच्छे न हों, तो भी भारत उसका सामना करने में सक्षम है ।