बेंगलूरु (कर्नाटक) – सहस्रों वर्षों से भगवा ध्वज का आदर किया जा रहा है । भगवा झंडा, यह त्याग का प्रतीक है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भगवा झंडा एक दिन भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनेगा, इसमें कोई शंका नहीं । त्याग की भावना को बनाए रखने के लिए रा.स्व. संघ भगवा ध्वज को सामने रखकर पूजा करता है । संविधान के अनुसार तिरंगा झंडा यह राष्ट्रध्वज है और तिरंगे को जो सम्मान देना चाहिए, वह हम देते हैं, ऐसा विधान राज्य के भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक के.एस. ईश्वरप्पा ने किया । अनेक राजकीय नेताओं ने इस विधान का विरोध किया है ।
Former minister and BJP leader KS Eshwarappa on Sunday said “bhagwa” or saffron flag may become the national flag of the country in the future, courting a fresh controversyhttps://t.co/Y7GuChT1Tc
— Hindustan Times (@htTweets) May 30, 2022
विशेष यह कि के.एस. ईश्वरप्पा ने फरवरी २०२२ में भी इसी प्रकार के विधान किए थे । उस समय उन्होंने कहा था कि, रा.स्व. संघ का भगवा झंडा एक दिन तिरंगे का स्थान लेगा; लेकिन यह इतनी जलदी सम्भव नहीं होगा । इसको बहुत समय लग सकता है; लेकिन आने वाले समय में लाल किले पर भगवा झंडा फहराया जाएगा । उनके इस विधान के बाद भी हल्ला हुआ था ।