नई देहली – देश की न्यायप्रणाली पर प्रभाव डालनेवाले कई सूत्र मैं उपस्थित करता आया हूं। वर्तमान में न्यायपालिका के साथ सभी संस्थाओं से आवान है,‘ लोगों के मन में उनके प्रति विश्वास बना रहे’, ऐसा प्रतिपादन सरन्यायाधीश एन्.व्ही.रमणा ने किया। वे तमिलनाडु न्यायपालिका के नए भवन केउद्घाटन तथा न्यायालय हेतु ९ तल्ले के प्रशासकीय भवन के भूमिपूजन के अवसर पर अयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे ।
सरन्यायाधीश ने आगे कहा,
१. तत्काल न्याय प्राप्त हो इस हेतु यदि हम झगडा करें, तो सही न्याय मिलने हेतु विपरीत परिणाम होगा।
२. न्यायदान में अधिक सर्वसमावेशकता लाने हेतु न्यायप्रक्रिया में आनेवाली भाषा की अडचने दूर करने को भी हम प्रथमिकता देते हैं।
३. कानून को बनाए रखना तथा कार्यपालिका एवं विधीमंडल द्वारा होनेवाली कृतियों पर नियंत्रण रखना, ऐसे बडे संवैधानिक दायित्व न्यायपालिका को सौंपे गए हैं ।
४. संवैधानिक मूल्य बनाए रखना तथा उनकी कार्यवाही करना हमारा कर्तव्य है। यह एक बडा कार्य है, इस में कोई शंका नही। किंतु जिस दिन हमने संवैधानिक शपथ ली, उसी दिन हमने आनंद से इसे स्वीकार किया है। न्याय प्रणाली को शक्तिशाली बनाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है।
५. न्यायदान करना केवल संवैधानिक दायित्व न होकर एक सामाजिक दायित्व भी है।
६. न्यायदान की प्रक्रिया तथा अपने अभियोग की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी अभियोग कर्ता को प्राप्त होनी चाहिए। किसी विवाह में केवल मंत्र बोलने जैसा वह नहीं होना चाहिए।