१०० वर्ष पूर्व, गुजरात में अंग्रेजों द्वारा किए गए नरसंहार के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को क्षमा मांगनी चाहिए !

गुजरात नरसंहार में मारे गए लोगों के वंशजों की मांग !

ब्रिटनके प्रधानमन्त्री बोरिस जॉन्सन

नई देहली : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन दो दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे हैं । गुजरात में उन्होंने महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम को भेंट दी । इसके उपरांत वे देहली जाएंगे । इस पृष्ठभूमि में, ब्रिटिश सरकार के शासन काल में गुजरात के पाल-दाढवाव में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के समय १,२०० भारतीय नागरिक मारे गए थे । इस घटना को १०० वर्ष हो चुके हैं । प्रधानमंत्री जॉनसन को उस  नरसंहार के लिए भारत से क्षमायाचना करनी चाहिए, ऐसी मांग की गई है ।

१. समाज सुधारक मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में २,०००  आदिवासी, अंग्रेजों द्वारा शोषण का विरोध कर रहे थे । उस समय, मेजर एच.टी. सुटन ने ब्रिटिश सैनिकों को उन पर गोलियां चलाने का आदेश दिया था । इस वर्ष दिल्ली में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के समय उस नरसंहार की झांकी का रथ गुजरात नें बनाया था ।

२. मोतीलाल तेजावत के पोते महेंद्र ने कहा कि, “नरसंहार के समय ब्रिटिश सरकार सत्ता में थी, इसलिए यदि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री इस का संज्ञान लेते हैं, कि निहत्थे आदिवासियों के संबंध में कुछ  अनुचित हुआ है, तो उन्हें क्षमा मांगनी चाहिए ।”

संपादकीय भूमिका

केवल इसके लिए ही नहीं, अपितु अंग्रेजों द्वारा भारतीयों पर किए गए भीषण अत्याचार, क्रांतिकारियों की निर्मम हत्या और उनके शासनकाल में हिन्दू संस्कृति को नष्ट करने के लिए किए गए प्रयासों के लिए, अंग्रेजों को भारतीयों से क्षमायाचना करनी चाहिए । उसके लिए भारत सरकार को ब्रिटेन पर दबाव बनाने की आवश्यकता है !