पाकिस्तान में हिन्दू, भारत विभाजन के समय से ही असुरक्षित हैं । उनका नियोजनबद्ध नरसंहार निरंतर चल रहा है । विभाजन के समय से, पाकिस्तान में हिन्दुओं की जनसंख्या का अनुपात २२% से घटकर ३% हो गया है । कोई इसका उल्लेख नहीं करता । यह दिखावटी धर्मनिरपेक्षतावादी मानव अधिकार संगठनों का पाखंड है ! – संपादक |
कराची (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के सिंध प्रांत के रोही सुक्कुर में, धर्मांध कट्टरपंथियों ने १८ वर्षीय पूजा ओड नामक युवती की गोली मारकर हत्या कर दी । जब वे पूजा का अपहरण करने का प्रयत्न कर रहे थे, तब उसके विरोध करने के कारण, कट्टरपंथियों ने उसे गोली मार दी । घटना दिनदहाडे हुई ।
Pakistan: 18-year-old Hindu girl shot dead during abduction attempt in Sindh province https://t.co/zEUMzIguLL
— Republic (@republic) March 22, 2022
१. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, यह पहली बार नहीं है जब अल्पसंख्यकों और नागरिकों पर आक्रमण किया गया है । प्रत्येक वर्ष, ईसाई और हिन्दू युवतियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है । कई मानवाधिकार समूहों ने इस प्रकार के बढते अपराध के विरोध में आवश्यक कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए, पाकिस्तानी सरकार की आलोचना की है ।
२. सिंध में प्रांतीय सरकार ने जबरन धर्मांतरण और विवाह पर प्रतिबंध लगाने का प्रयत्न किया, किन्तु कट्टरपंथियों ने कानून बनाने का विरोध करते हुए कहा, “युवतियां, मुसलमान पुरुषों के प्रेम के कारण, इस्लाम में परिवर्तित हो जाती हैं ।”
३. पीपुल्स कमिशन फॉर माइनॉरिटी राइट्स और सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के अनुसार, २०१३ से २०१९ के बीच पुलिस में जबरन धर्म परिवर्तन के १५६ प्रकरण प्रविष्ट किए गए ।
४. पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, हिन्दू, पाकिस्तान में कुल जनसंख्या के 1.60 प्रतिशत और सिंध में ६.५१ प्रतिशत हैं । पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सबसे अधिक हिन्दू हैं । यहां के मुसलमानों के साथ-साथ, वे उनकी संस्कृति और भाषा को भी अपनाते हैं । किन्तु, गत कुछ वर्षों में, क्षेत्र में अल्पसंख्यक महिलाओं के विरूद्ध अत्याचारों में वृद्धि हुई है ।