कर्नाटक स्थित महाविद्यालय मे घटी हिजाब की घटना
बेंगलुरू (कर्नाटक) – हिजाब पहनकर महाविद्यालय मे आने की अनुमती मांगने हेतु कर्नाटक उच्च भावनानुसार नही बल्कि राज्यघटनानुसार चलता है। राज्यघटना न्यायालय हेतु गीता है। जो कुछ भी निर्णय होगा, वह सारी याचिकाओं के संदर्भ मे प्रभावशाली होगा।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करनेवाले अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि, हिजाब पहनना इस्लामी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसपर राज्य सरकार के महाअधिवक्ता ने कहा कि, महाविद्यालयों को युनिफार्म चुनने की स्वतंत्रता दी गर्इ है। जिन छात्रों को तकलीफ है, वे महाविद्यालय की समिती से संपर्क कर सकते हैं।