अंनिस के कार्याध्यक्ष अविनाश पाटिल द्वारा लगाया गया आरोप…
समाज को विवेक सिखाने का झूठा दिखावा करनेवाली अंनिसका विवेकशून्य वर्तन ! – संपादक
पुणे – महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती के संस्थापक अध्यक्ष श्री एन्.डी. पाटिल के निधन के पश्चात अध्यक्ष के पदपर धीमती सरोजताई की नियुक्ती हो जाने का वृत्त कुछ माध्यमों द्वारा प्रसिद्ध किया गया था। यह नियुक्ती हमीद-मुक्ता दाभोळकर स्थापित गुट द्वारा की गई। इस गुटका डाक्टर नरेंद्र दाभोळकर के नेतृत्व मे स्थापित किया गया महाराष्ट्र अंधश्रद्धा समिती के साथ कोई भी संबंध नही। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती कर रही कार्य का श्रेय मी आंदालन का लेने का चुपचाप प्रयास करना हमीद-मुक्ता दाभोळकर गुट की कार्यपद्धती है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने बडी मेहनत से बढाई ७ करोड रुपयों तक की रकम अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती विश्वस्त संस्था मे जमा है। हमीद-मुक्ता गुट ने ७ करोड रुपयोें का संगठन का न्यास उनके कब्जे मे लिया है; ऐसा आरोप महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिती के कार्यध्यक्ष अविनाश पाटिल ने प्रसिद्धीपत्रक द्वारा किया है।
प्रसिद्धीपत्रक मे आगे कहा गया है कि,
१. हमीद-मुक्ता दाभोळकर गुट के ५-१० लोग समिती के किसी भी पदपर नही है;अपितु वे गत ४-६ महिनों मे समिती के नामसे कोई कार्यक्रम आयोजित कर समिती के विरोध मे समांतर कार्यपद्धत का आलंबन कर रहे हैं। ।अनुवंशिकता तथा घरानेशाही के कारण पुरोगामी आंदोलन का बडा भारी नुकसान हो रहा है । यह गुट समिती से संपूर्ण अलग हो गया है। इस गुटने समिती का मुखपत्र ‘ अंधनद्धा निर्लूलन वार्तापत्र ’ अपने कब्जे मे कर लिया है।
२. संगठन ने अब ‘ अंधश्रद्धा निर्मूलन पत्रिका ’ यह नया मुखपत्र आरंभ किया है । आर्थिक व्ववहार हेतु संगठन ने नयी ‘ विवेक जागर ’ नामक संस्था गठित की है।