इंदौर (मध्य प्रदेश) – पु. भय्यूजी महाराज को आत्महत्या के लिए प्रवृत्त करने के प्रकरण में, इंदौर न्यायालय ने साक्ष्य के आधार पर महाराज के नौकर विनायक दुधाले, वाहन चालक शरद देशमुख और देखभाल करने वाली पलक नाम की सेविका को दोषी घोषित किया है । तीनों को छह वर्ष के दंड की सजा सुनाई गई है । दोषी पाई गई सेविका तरुणी पर भय्यू महाराज से लाखों रुपये ऐंठने का आरोप है । पुलिस ने उसे पहले ही बंदी बना लिया था । वर्ष २०१८ में, पु. भय्यू महाराज ने स्वयं के लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी । उन्होंने आत्महत्या करने से पहले एक पत्र भी लिखा था । प्रारंभ में, पारिवारिक कलह या अवसाद को आत्महत्या का कारण माना जा रहा था । विशेष रूप से, अपनी आत्महत्या से कुछ महीने पूर्व उन्होंने घोषणा की थी, कि वे सामाजिक और आध्यात्मिक गतिविधियों से सेवानिवृत्त हो रहे हैं ।
भय्यू महाराज आत्महत्या प्रकरणात सेवक, चालक, केअर टेकर दोषी; इंदूर कोर्टाचा निकाल https://t.co/1atKhlCJKT
— Lokmat (@lokmat) January 28, 2022
पू. भय्यूजी महाराज का परिचय !पू. भय्यूजी महाराज इंदौर के रहने वाले थे । देश भर के राजनीतिक नेता और चलचित्र अभिनेता उनके अनुयायी थे । देवेंद्र फडणवीस, विलासराव देशमुख और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल उनके पास चर्चा करने के लिए जाते थे । महाराष्ट्र में आत्महत्या करने वाले किसानों के बच्चों के लिए पू. भय्यूजी महाराज ने बहुत अच्छा काम किया । उनके संगठन ने मराठवाडा में ५०० तालाब बनाए हैं । उन्होंने वृक्षारोपण आंदोलन को बडा प्रोत्साहन दिया था । वे लोगों से कभी कोई उपहार स्वीकार नहीं करते थे, इसके बजाय उनसे कहते कि, “एक वृक्ष लगाओ ।” |