बेंगलुरू में अगस्त २०२० में हिंसा कराने का प्रकरण
बेंगलुरू – अगस्त २०२० में पूर्व बेंगलुरू में हुई हिंसा के प्रकरण में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एस्.डी.पी.आई.) का नेता इमरान अहमद की जमानत याचिका खारीज की । कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा है कि अहमद के विरुद्ध् प्रविष्ट किए गए आरोपपत्र को देखते हुए उस पर लगाए गए आरोप स्वीकार करने के लिए पर्याप्त कारण हैं । राष्ट्रीय अन्वेषण विभाग के विशेष न्यायालय ने अहमद की जमानत याचिका खारीज की थी; इसलिए अहमद ने जमानत मिलने हेतु कर्नाटक उच्च न्यायालय में आवेदन प्रविष्ट किया था ।
Karnataka HC Rejects Bail Plea Of Bengaluru Riots Case Accused As Charges Prima Facie Amount To 'Act Of Terror'@bhatinmaaihttps://t.co/8UO8WMGBO9
— Swarajya (@SwarajyaMag) January 18, 2022
१२ अगस्त २०२० में कांग्रेस के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भांजे द्वारा प्रेषित मोहम्मद पैगंबर के विषय में फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट (लेखन) प्रसारित करने के कारण धर्मांध क्षुब्ध हुए । वे उसकी विरोध प्रदर्शन करने के लिए मूर्ति के आवास के सामने इकट्ठा हुए । उसके उपरांत यह भीड हिंसक बन गई और उन्होंने श्रीनिवास मूर्ति के घर पर आक्रमण किया । पुलिस ने भीड को रोकने का प्रयास किया । उस समय पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में ३ लोग मारे गए थे । यह हिंसा एस्.डी.पी.आई. के कार्यकर्ताओं द्वारा कराई जाने का बताया जा रहा था । इस प्रकरण में पुलिस ने अहमद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था ।