तमिलनाडु में अतिक्रमण करने का असत्य कारण देकर, श्री नरसिंह अंजनेय स्वामी मंदिर प्रशासन ने गिराया !

  • हिन्दू-द्वेषी द्रमुक सरकार के राज्य में इससे भिन्न क्या होगा ? क्या आपने कभी तमिलनाडु में किसी अवैध मस्जिद अथवा चर्च गिराए जाने के संबंध में सुना है ? – संपादक
  • तमिलनाडु में हिन्दू संस्कृति, परंपरा एवं धरोहर को संरक्षित करने के लिए प्रभावी हिन्दू संगठन अनिवार्य है  ! – संपादक
  • ध्यान दें, कि तमिलनाडु में हिन्दू-द्वेषी द्रमुक दल को चुनने का दंड हिन्दू भुगत रहे हैं ! – संपादक
असत्य कारण देकर, श्री नरसिंह अंजनेय स्वामी मंदिर प्रशासन ने गिराया

चेन्नई – तमिलनाडु में मुदिचुर के निकट वरदराजपुरम् के पास जलमार्ग पर बना श्री नरसिंह अंजनेय स्वामी मंदिर, राजस्व अधिकारियों ने ‘अवैध’ घोषित कर गिरा दिया । पुलिस ने मंदिर गिराए जाने का विरोध कर रहे अनुमानित २० हिन्दुओं को बंदी बना लिया है । इस क्षेत्र में अनेक अवैध निर्माण किए गए हैं ; परंतु, प्रशासन ने उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है ।

वरदराजपुरम् का श्री नरसिंह अंजनेयर स्वामी मंदिर ३० वर्ष पुराना है । वर्ष २०१५ में, जिलाधीश अमुदा ने मंदिर का निरीक्षण किया था एवं कागजातों की जांच के पश्चात कहा था कि, ‘मंदिर अतिक्रमण से नहीं बना है’ । परंतु, नगर निगम के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि, ‘मंदिर अतिक्रमित स्थान पर बनाया गया है ।’ वर्ष २०१७ में, इस क्षेत्र में बाढ आई थी । ‘जलमार्ग के आसपास हुए इस मंदिर के निर्माण के कारण पानी की निकासी नहीं हुई है ; इसलिए, बाढ आ गई’, ऐसा प्रशासकीय अधिकारी कह रहे हैं । किंतु, हिन्दुओं ने बताया है कि, ‘यहां बाढ मंदिर के कारण नहीं ; अपितु, अन्य अवैध निर्माणों के कारण आई थी ।’ सरकार ने इससे पूर्व दो बार यह मंदिर गिराने का प्रयास किया गया था ; परंतु, भक्तों के विरोध के कारण, ये प्रयास विफल हुए थे ।