गंगा तट पर बने घाटों में, “अहिन्दुओं को प्रवेश नहीं” दर्शानेवाले सूचना पट, बिना किसी शिकायत के पुलिस ने हटाए !

ध्यान दें, कि शिकायत न होने पर भी सूचना पट तत्परता से हटाने वाली पुलिस, हिन्दुओं द्वारा शिकायत करने पर कार्रवाई करने में टाल-मटोल करती  है ! उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार होते हुए, हिन्दुओं को ऐसा होने की अपेक्षा नहीं है !  – संपादक

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – वाराणसी में अहिन्दुओं को गंगा घाटों में प्रवेश नहीं करने की चेतावनी देने वाले हिंदी भाषा के सूचना पट शहर भर में दिखाई दे रहे हैं । कहा जाता है ,कि इन्हें विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने लगाया था । इन सूचना पटों पर इन दोनों संगठनों के नाम लिखे हुए हैं । यद्यपि, इस संबंध में कोई शिकायत प्रविष्ट नहीं कराई गई है, फिर भी पुलिस ने इन सभी सूचना पटों को हटा दिया है । सूचना पटों का वीडियो तीव्रता से प्रदर्शित होने के उपरांत, पुलिस दोषियों की तलाश कर रही है ।

इन सूचना पटों पर लिखा है कि, “अहिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है । गंगा माता, काशी घाट तथा मंदिर, सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति, श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं । सनातन धर्म में आस्था रखने वालों का यहां स्वागत है । यह जगह कोई ‘पर्यटन स्थल’ नहीं है । यह एक चेतावनी है, अनुरोध नहीं ।”

अहिन्दू काशी के घाटों की पवित्रता नष्ट करते हैं  ! – बजरंग दल

बजरंग दल के काशी प्रबंधक निखिल त्रिपाठी रुद्र ने पी.टी.आई. को बताया । पी.टी.आई. से बात करते हुए उन्होंने कहा कि, “अहिन्दू काशी के घाटों की पवित्रता नष्ट कर रहे हैं, इसलिए उन्हें चेतावनी दी गई है । सनातन धर्म में आस्था न रखनेवालों के लिए यह चेतावनी है । कुछ दिन पहले घाट पर एक युवती का बीयर पीते हुए चित्र देखा गया था । यहां के घाट और मंदिर सनातन धर्म के प्रतीक हैं । यदि कोई व्यक्ति अपवित्रता करता दिखाई दिया, तो हम उसे पकडकर पुलिस के हवाले कर देंगे ।” (यह कार्य पुलिस और प्रशासन का होते हुए भी, क्या पुलिस ऐसे समय सोती रहती है ? – संपादक)