(कहते हैं) ‘यदि मुसलमान अधिक बच्चों को जन्म नहीं देंगे, तो हमारा समाज भारत पर कैसे राज करेगा !’

एमआईएम के अलीगढ (उत्तर प्रदेश) के जिलाध्यक्ष(जनपद अध्यक्ष) गुफरान नूर का प्रश्न !

  • संविधान के अनुसार भारत धर्मनिरपेक्ष देश है एवं प्रत्येक राजनीतिक दल इस संविधान का पालन करने की अपनी प्रतिबद्धता की बात करता है । परंतु, एमआईएम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर, भारत में मुसलमानों के सत्ता में आने का स्वप्न देख रहा है ; यह बात हिन्दुओं को कब ध्यान में आएगी  ?  – संपादक
  • मुसलमानों का दल होने वाले मुस्लिम लीग के कारण भारत का विभाजन हुआ था एवं अब एमआईएम जैसा मुसलमानों का दूसरा दल भारत में सत्ता प्राप्त करने का स्वप्न देख रहा है । इसका कारण यह है कि, अब भारत को पाकिस्तान बनाने प्रयास हो रहा है ! – संपादक
असदुद्दीन ओवैसी और एमआईएम के अलीगढ (उत्तर प्रदेश) के जिलाध्यक्ष(जनपद अध्यक्ष) गुफरान नूर

अलीगढ (उत्तर प्रदेश) – ‘यदि मुसलमानों ने अधिक बच्चों को जन्म नहीं दिया, तो हमारा समाज भारत पर कैसे शासन करेगा ? असदुद्दीन ओवैसी साहब कैसे बनेंगे प्रधानमंत्री ? शौकत अली साहब कैसे बनेंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ?’, ऐसे प्रश्न एमआईएम के अलीगढ जिलाध्यक्ष गुफरान नूर द्वारा एक चर्चा में पूछने का एक वीडियो सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हो रहा है । उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं । नूर उस पृष्ठभूमि पर बोल रहे थे ।

यह वीडियो प्रसारित होने के पश्चात, इस संबंध में स्पष्टीकरण देते हुए नूर ने कहा है कि, “बलिदान में हमारा बडा योगदान है ; परंतु, जनसंख्या में हमारा अनुपात अल्प है । (नूर को यह स्पष्ट करना चाहिए कि, वे कौन से बलिदान की बात कर रहे हैं ! देश के लिए बलिदानों की संख्या गिनी-चुनी ही है ; परंतु, विगत ३ दशकों में जिहादी आतंकवाद करने में बडी संख्या में धर्मांध मारे जा रहे हैं, क्या ये इसे बलिदान कह रहे हैं ? ऐसा प्रश्न उठ सकता है ! – संपादक) मेरा निजी मत है कि,ओवैसी साहब को प्रधानमंत्री बनना चाहिए । हम चर्चा कर रहे थे कि, ओवैसी साहब प्रधानमंत्री कैसे बन सकते हैं । इसमें कुछ भी अनुचित नहीं था ।”