प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से आज ‘काशी विश्वनाथ धाम’ का लोकार्पण !

  • काशी के ७ लाख घरों में बांटा जाएगा लड्डू का प्रसाद !

  • १२ दिसंबर से घर-घर में दीप प्रज्वलित किए जा रहे हैं !

  • ३०० से अधिक शंकराचार्य, संत व महंत उपस्थित होंगे !

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से ‘काशी विश्वनाथ धाम’ का उद्घाटन, कल १३ दिसंबर को दीप प्रज्वलित करके होगा । इसके उपलक्ष में, १२ दिसंबर से १४ दिसंबर तक काशी में दीप प्रज्वलन किया जाएगा । देश भर से ३०० से अधिक शंकराचार्य, संत और महंत जनों का आगमन होगा । लोकार्पण के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम को अलंकृत गया है । इसके लिए, कई पडोसी राज्यों से पुष्प मंगवाए गए हैं । इसमें गुलाब, गेंदा और कई अन्य पुष्प सम्मिलित हैं । इसके साथ ही, ७ लाख घरों में लड्डुओं का प्रसाद वितरित किया जाएगा । १४ दिसंबर को भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों की बैठक भी प्रस्तावित है । देश भर से नगराध्यक्ष १७ दिसंबर को काशी पहुंचेंगे ।

इस धाम का भूमि पूजन ८ मार्च २०१९ को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया था । इस योजना के लिए ३३९ करोड रुपये का प्रावधान किया गया था । तदोपरांत, इस योजना को बढाकर ८०० करोड रुपये कर दिया गया । यह योजना तीन चरणों में पूरी की जा रही है और पहले चरण का उद्घाटन कल होगा ।

देश भर में ५१,००० स्थानों पर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण !

कार्यक्रम का देश भर के १५,४४४ मंडलों में ५१,००० स्थानों पर सीधा प्रसारण किया जाएगा । हर स्थान पर ५०० से ७०० लोग कार्यक्रम से जुडे रहेंगे । लोकार्पण समारोह का अन्य ११ ज्योतिर्लिंग मंदिरों में भी सीधा प्रसारण किया जाएगा ।

ऐसा होगा लोकार्पण !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी १३ दिसंबर को काशी में बाबा श्री कालभैरव के मंदिर में दर्शन करेंगे । वहां से, वो राजघाट जाएंगे । उसके उपरांत, वो नाव से ललिता घाट जाएंगे । गंगा के दर्शन और पवित्र जल लेने के बाद, काशी विश्वनाथ धाम के मार्ग से वो पैदल श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में पहुंचेंगे । अभिषेक के उपरांत, वो पूजा में सम्मिलित होंगे । उसके उपरांत, लोकार्पण समारोह होगा ।

ज्ञानवापी कूप और नंदी ‘काशी विश्वनाथ धाम’ में सम्मिलित  !

सन १६६९ में, औरंगजेब के आदेश से, श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर को तोड दिया गया था और वहां ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण किया गया । उस समय, नंदी की मूर्ति को तोडने का प्रयास विफल रहा था । मंदिरों के महंतों ने शिवलिंग को ज्ञानवापी कूप में छिपा दिया था । कुछ वर्ष उपरांत, अहिल्या बाई होलकर ने इस मस्जिद के समीप एक नया मंदिर बनवाया । उस समय मंदिर परिसर में नंदी और ज्ञानवापी कूप समावेश नहीं था ; किंतु, अब इन्हें ‘काशी विश्वनाथ धाम’ में सम्मिलित कर लिया गया है ।

काशी विश्वनाथ धाम के लिए २७ मंदिरों से विशेष ‘मणिमाला’ !

काशी विश्वनाथ धाम में, २७ मंदिरों से एक विशेष ‘मणिमाला’ प्राप्त हुई हैं । इन मंदिरों को पूर्व काल में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ बनाया गया था, जबकि कुछ मंदिरों का निर्माण उसके उपरांत किया गया है । दूसरे चरण में ९७ और तीसरे चरण में १४५ शिवलिंग स्थापित किए जाएंगे ।

५ हजार फीट से बढाकर, ५ लाख फीट परिसर का विस्तार किया गया !

पूर्व काशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल ५,००० फीट था । आस-पास के जीर्ण-शीर्ण परिसर का अधिग्रहण कर, ५ लाख २७ हजार ३०० फीट का विकास किया गया है । इसके लिए, संबंधितों को नुकसान भरपाई के रूप में ३९० करोड रुपये दिए गए हैं । इस धाम में अब ४ प्रवेश द्वार होंगे । प्रत्येक प्रवेश द्वार २० फीट ऊंचा होगा । मंदिर से गंगाघाट तक पहुंचने के लिए, २०० मीटर लंबा ४० फीट चौडा मार्ग बनाया गया है । इस मंदिर के साथ ही, काशी के पंचक्रोशी में, १०८ मंदिरों, ४४ धर्मशालाओं और कुंडों का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है ।