पिछले २ माह से इस संबंध में हिन्दू और उनके संगठनोंद्वारा गुरूग्राम में किए आंदोलन के कारण अब यह भूमिका ली गई है ! यह हिन्दुओं को आंदोलन करने की पहले ही लेनी चाहिए थी, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !
गुरूग्राम (हरियाणा) – सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने की प्रथा को सहन नहीं किया जाएगा; लेकिन चर्चाद्वारा एक सौहार्द्रपूर्ण उपाय निकाला जाएगा, ऐसी चेतावनी राज्य के भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने दी। गुरूग्राम में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढने के विरोध में २ माह पहले हिन्दुओंद्वारा प्रदर्शन करने के बाद पहली बार भाजपा सरकार की भूमिका मुख्यमंत्री खट्टर ने स्पष्ट की है। पिछले २ माह से प्रत्येक शुक्रवार को नमाज पढने के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस कारण नमाज पढने के स्थान पर बडी संख्या में पुलिस तैनात की जा रही है। आंदोलनकारियों को दोबारख हिरासत में लिया गया है। हिन्दुओं के संगठनों की ओर से नमाज पढने के स्थान पर भजन, हवन और पूजा की गई है।
(सौजन्य : ABP NEWS)
१. सरकारी विश्रामगृह में पत्रकारों से बात करते समय खट्टर ने कहा, ‘‘कोई पूजा-अर्चना करता होगा, तो हमें कोई अडचन नहीं। धार्मिक स्थल इसी के लिए बनाए जाते हैं। तथापि खुले स्थान पर या सार्वजनिक स्थान पर उपासना नहीं हो सकती। इसके पहले नमाज पढने के विषय में कुछ निर्णय लिए गए थे; परंतु अब उन्हें वापस लिया गया है। इस विषय पर पुन: चर्चा की जाएगी। हम किसी भी परिस्थिति में संघर्ष होने नहीं देंगे। किसी के भी अधिकार में कोई हस्तक्षेप न करे। किसी को भी जोरजबरदस्ती करने नहीं दी जाएगी !’’
२. मुसलमान समाज के पास बडी मात्रा में भूमि है। वहां उन्हें नमाज पढने की अनुमति देनी चाहिए। कुछ भूमि ऐसी है, जो मुसलमानों की या उनके ‘वक्फ बोर्ड’ की है जिस विषय में कोई विवाद नहीं है , उन्हें ऐसी भूमी उपलब्ध करानी चाहिए या उन्हें घर पर ही नमाज पढनी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर आकर नमाज पढकर विवाद नहीं होने दिया जाएगा। मुसलमानों से चर्चा कर इसपर उपाय निकाला जाएगा।
(सौजन्य : IndiaTV)
३. वर्ष २०१८ में इसी प्रकार के सूत्रों पर खट्टर ने ‘मस्जिदों, ईदगाह तथा निजी स्थानों पर नमाज पढनी चाहिए’, ऐसा कहा था।