सरकार को किस योजना की जनजागृति पर कितना व्यय करना चाहिए, अब यह निर्धारित करना आवश्यक हैं ! अन्यथा ऐसी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य दुर्लक्षित हो जाता हैं ! – संपादक
नई देहली – “’बेटी बचाओ – बेटी पढाओं, इस योजना के निर्धारित ४४६ करोड ७२ लाख रुपयों से ७८ – ९१ प्रतिशत व्यय केवल विज्ञापन पर हुआ हैं । ‘बेटी बचाओ – बेटी पढाओ’ का संदेश जनता तक पहुचांने के लिए, प्रसिद्धि माध्यमों में अभियान चलाना समिती को महत्व का लगता है”, ऐसा संसदीय समिती के अहवाल में स्पष्ट हुआ हैं । यह अहवाल संसद में आया हैं ।
‘79% of Beti Bachao funds spent on media advocacy’ https://t.co/Guwug1fis8 pic.twitter.com/r4cq8U9B3j
— The Times Of India (@timesofindia) December 10, 2021
वर्ष २०१६ -१७ में, इस योजना पर अत्यल्प व्यय हुआ था, ऐसा लेखा-परीक्षक (कैंग) ने कहा है । वर्ष २०१४ -१५ तथा वर्ष २०१९-२० के मध्य, राज्यों ने केवल १५६ करोड ४६ लाख रुपयों का उपयोग किया । इस अवधि में, केन्द्र ने राज्यों को ६५२ करोड रुपए दिए थे, किन्तु, राज्यों ने केवल २५-१३ % रुपए का उपयोग किया हैं, ऐसा ‘कैंग’ ने स्पष्ट किया हैं ।