पाकिस्तान में मंदिर तोडने वालों में से ११ मौलवियों को न्यायालय द्वारा सुनाए गए दंड का हिन्दू परिषद (काउंसिल) ने भुगतान किया !

  • मंदिर के पुनर्निर्माण में कठिनाई उत्पन्न करने के कारण दंड का भुगतान !

  • अब १२३ अन्य धर्मांध आरोपियों ने भी उनके दंड का भुगतान करने की मांग की !

  • पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ हो रहा यह अन्याय कौन दूर करेगा ? – संपादक 
  • यह आश्चर्य की बात है, कि भारत सरकार पाकिस्तान के हिन्दुओं की दुर्दशा पर कुछ भी भूमिका नहीं ले रहा है । अब भारत में हिन्दुओं को संगठित होकर, भारत सरकार को इस संबंध में पाकिस्तान से उत्तर मांगने के लिए बाध्य करना चाहिए ! – संपादक

करक (पाकिस्तान) – दिसंबर २०२० में, यहां धर्मांधों द्वारा एक हिन्दू मंदिर पर आक्रमण कर उसकी तोडफोड की थी । तदुपरांत, न्यायालय ने आक्रमणकारियों में से ११ मौलवियों को दंड सुनाया था । यह बात सामने आई है कि, मौलवियों द्वारा लाए गए दबाव के पश्चात, यहां की हिन्दू परिषद को ही इस दंड का भुगतान करना पडा । इसलिए, इस प्रकरण के अन्य १२३ आरोपियों ने भी मांग की है कि, उन पर लगाए गए दंड का हिन्दू परिषद को ही भुगतान करना चाहिए ; परंतु, परिषद ने इसे अस्वीकार किया है । हिन्दू परिषद ने प्रत्येक मौलवी पर लगाए गए २ लाख ६८ सहस्र रुपए दंड का भुगतान किया है ।

पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने इन आरोपियों से ३ करोड ३० लाख रुपए की वसूली का आदेश दिया था । उसके पश्चात, इनमें से १० मौलवी इस मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध करने लगे थे । स्थानीय प्रशासन भी हिन्दुओं की सहायता नहीं कर रहा था । इसीलिए, हिन्दू परिषद ने उन पर लगाए गए दंड का भुगतान किया ।